माधुर्य कादम्बिनी

By Srikeshav Das

Certificate Course

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Course Duration

40 Hours

Videos

2 Hours Per Session

No. Of Sessions

20

Sessions per week

1

Language
Hindi

Eligibility

Anyone 

Schedule of Classes

calendar

Starts on
-

calendar
4:30 PM  - 6:30 PM Regular classes on

Friday

About the Teacher

teacher

Srikeshav Das

Born in Brahmapur Odisha, Sri Keshav Das was brought up in a very pious and cultured family. After completing the education, he joined ISKCON, Pune as a full-time devotee. Since then, he has been engaged in various preaching activities among youth (e.g. conducting Gita Quiz contests in schools and colleges), corporate, and congregations. He has been also serving as a Bhakti Shastri teacher.

After learning basic Sanskrit Vyakarana from Gopiparandhana Prabhu, he joined ISKCON Bhagavata Mahavidyalaya as a full-time faculty. He is also serving as a core team member, PR and Communications in IBMV.

Course Overview

पाठ्यक्रम विवरण 
माधुर्य कादम्बिनी का तात्पर्य है बादलों की एक पंक्ति जो मधुर अमृत की वर्षा करती है। श्रील रूप गोस्वामी द्वारा वर्णित माधुर्य, सभी परिस्थितियों और गतिविधियों में अप्रतिम सौंदर्य और अभूतपूर्व आकर्षण को दर्शाता है। भगवान श्रीकृष्ण, जो लीला माधुरी, प्रेमा माधुरी, वेणु माधुरी और रूप माधुरी जैसे चार विशेष माधुर्यों से युक्त हैं, अपने प्रेम का प्रसार करने के लिए श्री चैतन्य महाप्रभु के रूप में अवतरित होते हैं।

यह पाठ्यक्रम भक्त की आध्यात्मिक यात्रा के नौ स्तरों का गहन अध्ययन कराता है और उन सभी बाधाओं का समाधान प्रस्तुत करता है जो इस मार्ग में आती हैं। यह ग्रंथ एक ऐसा दीपक है जो साधक के मार्ग को प्रकाशित करता है और उसे भक्ति की उच्चतम अवस्था—भगवत प्रेम—की ओर ले जाता है।

पाठ्यक्रम सामग्री
भक्ति के नौ चरणों का विवरण:
श्रद्धा
साधु-संग
भजन-क्रिया
अनर्थ निवृत्तिनिष्ठा
रुचि
आसक्ति
भाव
प्रेम 

भक्ति में बाधाओं का अध्ययन और समाधान।
आत्म विश्लेषण और सुधार के उपाय।
चैतन्य महाप्रभु की शिक्षाओं का अभ्यास।

लक्षित श्रोतागण 

  • वे भक्त जो नियमित रूप से 16 माला जप करते हैं।
  • गौड़ीय वैष्णव परंपरा का अध्ययन करने वाले।
  • वे जो अपनी आध्यात्मिक यात्रा में उन्नति और स्पष्टता चाहते हैं।

आकलन पद्धति

  • ऑनलाइन परीक्षा।
  • पाठ्यक्रम के दौरान आत्म विश्लेषण और व्यावहारिक कार्य।

पाठ्यक्रम की आवश्यकताएँ

  • पाठ्यक्रम की नियमित उपस्थिति।
  • भक्ति के प्रति गहरी निष्ठा और समर्पण।
  • चैतन्य महाप्रभु की शिक्षाओं को समझने की प्रबल इच्छा।

महत्वपूर्ण दिशानिर्देश

  • सभी सत्रों में पूर्ण भागीदारी करें।
  • पाठ्यक्रम के दौरान दिए गए अभ्यासों और आत्म विश्लेषण पर ध्यान केंद्रित करें।
  • अन्य छात्रों के साथ संवाद और सहयोग बनाए रखें।

छात्रों को इस पाठ्यक्रम से क्या लाभ होगा? 

  • भक्ति के मार्ग की स्पष्टता।
  • आत्म विश्लेषण की क्षमता का विकास।
  • जप की गुणवत्ता में सुधार और नामजप का उद्देश्य समझना।
  • भक्ति में रुचि और स्थिरता का विकास।
  • कृष्ण के प्रति गहरी प्रेम भावना की अनुभूति।

इस पाठ्यक्रम में क्यों भाग लेना चाहिए? 

  • भक्ति के उच्चतम गंतव्य तक पहुंचने के लिए।
  • भक्ति में आने वाली बाधाओं को समझने और उनका समाधान करने के लिए।
  • अपने आध्यात्मिक जीवन में तीव्र प्रगति करने के लिए।
  • कृष्ण के प्रति प्रेम विकसित करने और उनकी सेवा में स्थिरता लाने के लिए।


हम पाठ्यक्रम के माध्यम से छात्रों की कौन-सी समस्याएँ हल कर रहे हैं? 

  • मन का तनाव: आध्यात्मिक तकनीकों के माध्यम से तनाव से मुक्ति।
  • भक्ति में एकाग्रता: ध्यान और समर्पण के अभ्यास के माध्यम से एकाग्रता बढ़ाना।
  • माया और द्वंद्व से निपटना: माया और द्वंद्व से निपटने के व्यावहारिक समाधान।
  • आत्म विश्लेषण की कमी: अपने स्तर को समझने और भक्ति में सुधार करने की क्षमता का विकास।

Frequently Asked Questions

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