भक्ति रसामृत सिन्धु का परिचय

By ISKCON BHAGAVATA MAHAVIDYALAYA

Certificate Course

Enroll Now

Course Duration

1 Hours 40 mins 

Videos

1

No. Of Sessions

1

Sessions per week

At your own pace

Language
Hindi

Eligibility

Anyone

Schedule of Classes

calendar

Starts on
-

calendar

Always open

At your own pace

About the Teacher

teacher

ISKCON BHAGAVATA MAHAVIDYALAYA

ISKCON Bhagavat Mahavidyalaya aims to provide a facility for its members to study, practice, and disseminate the teachings of Srimad Bhagavatam, along with the writings of the Gaudiya Vaisnava acaryas and the branches of Vedic philosophy, culture, music and science in the context of Srila Prabhupada’s teachings.

ISKCON Bhagavat Mahavidyalaya has been inspired by the service and efforts of His Grace Gopiparanadhana Prabhu and His Holiness Gaur Krishna Gosvami Maharaja. Their dedication toward the study and the dissemination of the teachings of Srimad Bhagavatam is the torchlight guiding us forward to serve this mission.

Course Overview

पाठ्यक्रम शीर्षक:
भक्ति रसामृत सिन्धु परिचय 

पाठ्यक्रम विवरण:
इस पाठ्यक्रम का उद्देश्य प्रतिभागियों को 'भक्ति रसामृत सिन्धु' के मुख्य सिद्धांतों और शिक्षाओं से परिचित कराना है। 'भक्ति रसामृत सिन्धु' एक महत्वपूर्ण ग्रंथ है जिसे श्रील रूप गोस्वामी ने लिखा है, और यह भक्ति योग के विभिन्न पहलुओं का विस्तार से वर्णन करता है। इस पाठ्यक्रम के माध्यम से, हम इस ग्रंथ की महत्वपूर्ण अवधारणाओं और भक्ति योग के विभिन्न रसों (मूल भावनाओं) को समझने का प्रयास करेंगे।

पाठ्यक्रम सामग्री:

  1. परिचय:

    • भक्ति रसामृत सिन्धु का परिचय और ऐतिहासिक पृष्ठभूमि
    • श्रील रूप गोस्वामी का जीवन और योगदान
  2. भक्ति के प्रकार:

    • साधना भक्ति
    • भाव भक्ति
    • प्रेम भक्ति
  3. नवविधा भक्ति:

    • श्रवणम् (सुनना)
    • कीर्तनम् (गाना)
    • स्मरणम् (स्मरण)
    • पादसेवनम् (सेवा)
    • अर्चनम् (पूजा)
    • वन्दनम् (प्रार्थना)
    • दास्यम् (सेवक भाव)
    • सख्यम् (मित्र भाव)
    • आत्मनिवेदनम् (समर्पण)
  4. भक्ति के रस:

    • शान्ति रस
    • दास्य रस
    • साख्य रस
    • वात्सल्य रस
    • माधुर्य रस
  5. अन्य महत्वपूर्ण अवधारणाएं:

    • रागानुगा भक्ति और वैधी भक्ति
    • भक्ति के अवरोध और उनके समाधान
  6. व्यवहारिक दृष्टिकोण:

    • भक्ति योग का दैनिक जीवन में अनुप्रयोग
    • भक्ति साधना के अभ्यास और अनुभव

लक्ष्य श्रोता:

  • भक्तिमार्ग का अनुसरण करने वाले साधक
  • भक्ति योग और वैदिक साहित्य में रुचि रखने वाले विद्यार्थी
  • अध्यात्म और धार्मिक ग्रंथों के अध्ययन में रुचि रखने वाले व्यक्ति

पाठ्यक्रम की आवश्यकता:

  • भक्ति योग का प्राथमिक ज्ञान (अनिवार्य नहीं, लेकिन लाभप्रद)
  • वैदिक साहित्य के प्रति रुचि और श्रद्धा

कोर्स से प्रतिभागियों को क्या मिलेगा?

  • 'भक्ति रसामृत सिन्धु' की गहन समझ
  • भक्ति योग के विभिन्न रसों और उनके अनुप्रयोगों का ज्ञान
  • भक्ति साधना के सिद्धांतों और प्रथाओं की जानकारी
  • अध्यात्मिक उन्नति और भक्ति में दृढ़ता

क्यों करना चाहिए यह कोर्स?

  • 'भक्ति रसामृत सिन्धु' भक्ति योग का एक प्रमुख ग्रंथ है, और इसका अध्ययन भक्ति साधना में प्रगति के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।
  • यह पाठ्यक्रम प्रतिभागियों को भक्ति के विभिन्न पहलुओं का समग्र ज्ञान प्रदान करेगा।
  • व्यक्तिगत और सामूहिक साधना में सुधार और गहनता आएगी।
  • अध्यात्मिक मार्गदर्शन और आत्मिक शांति की प्राप्ति।

हम इस पाठ्यक्रम के माध्यम से प्रतिभागियों की कौन-कौन सी समस्याओं का समाधान कर रहे हैं?

  • भक्ति साधना में आने वाले अवरोधों को समझना और उनका समाधान करना।
  • भक्ति योग के विभिन्न चरणों और उनकी साधना में स्पष्टता लाना।
  • आध्यात्मिक उन्नति के मार्ग में आने वाली चुनौतियों का समाधान प्रदान करना।
  • व्यक्तिगत जीवन में भक्ति के सिद्धांतों का सही ढंग से अनुप्रयोग करने में मदद करना।

Course Content

Frequently Asked Questions

Related Content