श्रीभक्तिरसामृतसिन्धु

By ISKCON Bhagavata Mahavidyalaya

Certificate Course

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Course Duration

22 Hours

Videos

2 Hour/ Session

No. Of Sessions

11

Sessions per week

At your own pace

Language
Hindi

Eligibility

Anyone

Schedule of Classes

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Starts on
-

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About the Teacher

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ISKCON Bhagavata Mahavidyalaya

ISKCON Bhagavat Mahavidyalaya aims to provide a facility for its members to study, practice, and disseminate the teachings of Srimad Bhagavatam, along with the writings of the Gaudiya Vaisnava acaryas and the branches of Vedic philosophy, culture, music and science in the context of Srila Prabhupada’s teachings. ISKCON Bhagavata Mahavidyalaya is located in Sri Govardhan dhama to systematically propagate the teachings of Śrīmad-Bhāgavatam and Caitanya-caritāmṛta to the society at large.

To accomplish the above mission, ISKCON Bhagavata Mahavidyalaya will facilitate philosophical training for adult residential and non-residential students through the traditional Vedic educational methods. ISKCON Bhagavat Mahavidyalaya has been inspired by the service and efforts of His Grace Gopiparanadhana Prabhu and His Holiness Gaur Krishna Gosvami Maharaja. Their dedication toward the study and the dissemination of the teachings of Srimad Bhagavatam is the torchlight guiding us forward to serve this mission.

Course Overview

कोर्स का शीर्षक:

भक्ति रसामृत सिंधु

कोर्स विवरण:

श्रील रूप गोस्वामी द्वारा रचित भक्ति रसामृत सिंधु, गौड़ीय वैष्णव परंपरा में भक्ति सेवा के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण पाठ है। यह कोर्स इस गहरे शास्त्र के सिद्धांतों का व्यापक अन्वेषण प्रस्तुत करता है।

कोर्स सामग्री:

  • भक्ति रसामृत सिंधु का अवलोकन (प्रस्तावना)
  • पवित्र भक्ति सेवा की परिभाषा (परिचय)
  • पवित्र भक्ति सेवा की छह विशेषताएँ - क्लेशाग्नि (भाग 1)
  • पवित्र भक्ति सेवा की छह विशेषताएँ (भाग 2)
  • साधना भक्ति (अध्याय 2)
  • शुद्ध भक्ति का स्वतंत्र स्वभाव (अध्याय 3-5)
  • भक्ति कैसे की जाए (अध्याय 6-8)
  • भक्ति के सिद्धांत (अध्याय 9-10)
  • दिव्य सेवा के विविध प्रकार (अध्याय 11-14)
  • रागानुगा भक्ति (अध्याय 15-16)
  • भागवद प्रेम (अध्याय 17-19)

लक्ष्य दर्शक:

इस कोर्स में रुचि रखने वाले सभी व्यक्तियों के लिए खुला है जो भक्ति सेवा के तत्वों में गहराई से समझना चाहते हैं।

कोर्स की आवश्यकता:

इस कोर्स के लिए कोई विशेष पूर्वापेक्षा नहीं है। प्रतिभागियों को खुले मन और सीखने की इच्छा के साथ आने की सलाह दी जाती है।

इस कोर्स के लिए महत्वपूर्ण दिशानिर्देश:

  • नियमित रूप से सभी सत्रों में भाग लेना।
  • चर्चाओं और परिचर्चाओं में सक्रिय रूप से भाग लेना।
  • कक्षा के भीतर विभिन्न दृष्टिकोणों और मतों का सम्मान करना।
  • सौंपे गए पाठ्यक्रम और अभ्यासों को पूरा करना।

इस कोर्स से प्रतिभागियों को क्या लाभ होगा?

  • भक्ति योग के सिद्धांतों में गहरा ज्ञान।
  • श्रील रूप गोस्वामी द्वारा व्याख्यानित पवित्र भक्ति के गहरे सिद्धांतों का अध्ययन करने के लिए अनुभवी प्रशिक्षक के मार्गदर्शन में।
  • अपने जीवन में पवित्र भक्ति को विकसित करने के लिए व्यावहारिक तकनीकें।
  • गौड़ीय वैष्णव परंपरा के साथ एक मजबूत संबंध।
  • व्यक्तिगत विकास और आध्यात्मिक उन्नति

Course Content

Frequently Asked Questions

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