वर्जनीय अपराध

By ISKCON BHAGAVATA MAHAVIDYALAYA

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Hindi

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ISKCON BHAGAVATA MAHAVIDYALAYA

ISKCON Bhagavat Mahavidyalaya aims to provide a facility for its members to study, practice, and disseminate the teachings of Srimad Bhagavatam, along with the writings of the Gaudiya Vaisnava acaryas and the branches of Vedic philosophy, culture, music and science in the context of Srila Prabhupada’s teachings.

ISKCON Bhagavat Mahavidyalaya has been inspired by the service and efforts of His Grace Gopiparanadhana Prabhu and His Holiness Gaur Krishna Gosvami Maharaja. Their dedication toward the study and the dissemination of the teachings of Srimad Bhagavatam is the torchlight guiding us forward to serve this mission.

Course Overview

पाठ्यक्रम शीर्षक:

वर्जनीय अपराध  ( Chapter 8)

पाठ्यक्रम विवरण:

यह पाठ्यक्रम श्रील रूप गोस्वामी द्वारा रचित 'भक्ति रसामृत सिंधु' के आठवें अध्याय पर आधारित है। इस अध्याय में वजनीय अपराधों (निषेधात्मक कर्मों) का वर्णन है जो भक्ति मार्ग में बाधक होते हैं। पाठ्यक्रम का उद्देश्य इन अपराधों को समझना, उनसे बचना, और भक्ति में स्थिरता प्राप्त करना है।

पाठ्यक्रम सामग्री:

वजनीय अपराधों की परिभाषा और महत्व:

  • वजनीय अपराधों का परिचय और उनकी परिभाषा।
  • भक्ति मार्ग में इन अपराधों का महत्व और उनकी पहचान।

वजनीय अपराधों के प्रकार:

  • वजनीय अपराधों के विभिन्न प्रकार और उनका वर्णन।
  • प्रत्येक प्रकार के अपराध का विस्तार से विश्लेषण।

गुरु और वैष्णव अपराध:

  • गुरु और वैष्णवों के प्रति अपराध।
  • इन अपराधों के दुष्प्रभाव और उनसे बचने के उपाय।

भगवद अपराध:

  • गवान के प्रति अपराध।
  • भगवद अपराधों की पहचान और उनके निवारण के उपाय।

नाम अपराध (हरिनाम के प्रति अपराध):

  • हरिनाम जप के दौरान होने वाले अपराध।
  • नाम अपराधों के प्रकार और उनसे बचने के उपाय।

मंदिर और तीर्थस्थल अपराध:

  • मंदिर और तीर्थस्थलों के प्रति अपराध।
  • इन अपराधों के दुष्प्रभाव और उनसे बचने के उपाय।

व्रत और उपवास के दौरान अपराध:

  • व्रत और उपवास के दौरान होने वाले अपराध।
  • इन अपराधों की पहचान और उनके निवारण के उपाय। 

वजनीय अपराधों से बचने के उपाय:

  • अपराधों से बचने के साधन और उपाय।
  • भक्ति में स्थिरता और शुद्धता प्राप्त करने के उपाय।

लक्ष्य श्रोता:

  • वे व्यक्ति जो भक्ति योग में गहरी रुचि रखते हैं।
  • धार्मिक और आध्यात्मिक साधना में उन्नति के इच्छुक साधक।
  • भक्ति मार्ग में आने वाले अपराधों को समझने और उनसे बचने के इच्छुक साधक।

पाठ्यक्रम की आवश्यकता:

  • भक्ति मार्ग में आने वाले वजनीय अपराधों की समझ।
  • इन अपराधों के दुष्प्रभाव और उनके निवारण के उपाय।
  • भक्ति में स्थिरता और शुद्धता प्राप्त करने के साधन।

कोर्स से प्रतिभागियों को क्या मिलेगा?

  • वजनीय अपराधों की विस्तृत जानकारी।
  • प्रत्येक अपराध के दुष्प्रभाव और उनके निवारण के उपाय।
  • भक्ति मार्ग में स्थिरता और शुद्धता प्राप्त करने के साधन।
  • अपराधों से बचने के उपाय और भक्ति साधना में उन्नति का मार्गदर्शन।

क्यों करना चाहिए यह कोर्स?

  • भक्ति मार्ग में आने वाले अपराधों को पहचानने और उनसे बचने के लिए।
  • भक्ति साधना में शुद्धता और स्थिरता प्राप्त करने के लिए।
  • आत्मिक उन्नति और भक्ति में उन्नति प्राप्त करने के लिए।
  • वजनीय अपराधों के दुष्प्रभावों से बचने और सही मार्गदर्शन प्राप्त करने के लिए।

हम इस पाठ्यक्रम के माध्यम से प्रतिभागियों की कौन-कौन सी समस्याओं का समाधान कर रहे हैं?

  • भक्ति साधना के दौरान होने वाले वजनीय अपराधों की समझ का अभाव।
  • अपराधों के दुष्प्रभावों से बचने के उपायों की कमी।
  • भक्ति मार्ग में स्थिरता और शुद्धता की कमी।
  • आत्मिक उन्नति के मार्ग में बाधाओं को दूर करने की आवश्यकता।

Course Content

Frequently Asked Questions

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