क्या है भगवान् के प्रति समर्पण का महत्व?
By ISKCON Bhagavata Mahavidyalaya
Certificate Course
Course Duration
1 Hours 40 Minutes
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No. Of Sessions
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Sessions per week
At your own pace
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Language
Hindi
Eligibility
Anyone
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Schedule of Classes
Starts on
-
Always open
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About the Teacher
ISKCON Bhagavata Mahavidyalaya
About the Teacher
ISKCON Bhagavat Mahavidyalaya aims to provide a facility for its members to study, practice, and disseminate the teachings of Srimad Bhagavatam, along with the writings of the Gaudiya Vaisnava acaryas and the branches of Vedic philosophy, culture, music and science in the context of Srila Prabhupada’s teachings. ISKCON Bhagavata Mahavidyalaya is located in Sri Govardhan dhama to systematically propagate the teachings of Śrīmad-Bhāgavatam and Caitanya-caritāmṛta to the society at large.
To accomplish the above mission, ISKCON Bhagavata Mahavidyalaya will facilitate philosophical training for adult residential and non-residential students through the traditional Vedic educational methods. ISKCON Bhagavat Mahavidyalaya has been inspired by the service and efforts of His Grace Gopiparanadhana Prabhu and His Holiness Gaur Krishna Gosvami Maharaja. Their dedication toward the study and the dissemination of the teachings of Srimad Bhagavatam is the torchlight guiding us forward to serve this mission.
Course Overview
पाठ्यक्रम शीर्षक:
श्लोक 18 : क्या है भगवान् के प्रति समर्पण का महत्व?
पाठ्यक्रम विवरण:
इस पाठ्यक्रम का उद्देश्य Ishopanishad के के माध्यम से भगवान के प्रति समर्पण के महत्व को समझाना है। इस कोर्स में भगवान के प्रति समर्पण के विभिन्न पहलुओं, इसके लाभों, और इसे कैसे प्राप्त किया जा सकता है, पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।
पाठ्यक्रम सामग्री:
- भगवान के प्रति समर्पण का परिचय:
- समर्पण का अर्थ और महत्व।
- शास्त्रों में भगवान के प्रति समर्पण का वर्णन।
- भगवद्गीता और समर्पण:
- भगवद्गीता में श्रीकृष्ण द्वारा दिए गए समर्पण के उपदेश।
- अर्जुन के समर्पण की कहानी और उससे मिलने वाले उपदेश।
- समर्पण के विभिन्न स्तर:
- मानसिक, भावनात्मक और शारीरिक समर्पण।
- पूर्ण समर्पण कैसे प्राप्त करें।
- समर्पण के लाभ:
- समर्पण से मिलने वाले आध्यात्मिक और मानसिक लाभ।
- समर्पण से जीवन में आने वाले सकारात्मक परिवर्तन।
- भक्ति और समर्पण:
- भक्ति मार्ग में समर्पण का महत्व।
- भक्ति और समर्पण के बीच का संबंध।
- प्रमाणित गुरु का मार्गदर्शन:
- गुरु के मार्गदर्शन में समर्पण की प्राप्ति।
- गुरु-शिष्य परंपरा और समर्पण की सही शिक्षा।
- समर्पण के अनुभव और साधना:
- समर्पण के व्यक्तिगत अनुभव और उनकी कहानियाँ।
- साधना और पूजा के माध्यम से समर्पण की अनुभूति।
लक्ष्य श्रोता:
- आध्यात्मिक साधक
- भक्ति मार्ग में रुचि रखने वाले लोग
- योग और ध्यान के अभ्यासकर्ता
- वेदांत और उपनिषद में रुचि रखने वाले लोग
- छात्र और शिक्षक जो भारतीय दर्शन में रुचि रखते हैं
पाठ्यक्रम की आवश्यकता:
- भगवान के प्रति समर्पण के बिना भक्ति और साधना में गहराई नहीं आ पाती।
- समर्पण के महत्व को समझने और उसे दैनिक जीवन में अपनाने की आवश्यकता।
- मानसिक शांति और संतुलन प्राप्त करने के लिए समर्पण का अभ्यास करना।
कोर्स से प्रतिभागियों को क्या मिलेगा?
- भगवान के प्रति समर्पण के सही अर्थ और महत्व की समझ।
- शास्त्रों और गुरु से प्राप्त ज्ञान के माध्यम से समर्पण की सटीक व्याख्या।
- भक्ति और साधना के माध्यम से समर्पण की प्राप्ति के उपाय।
- समर्पण से मिलने वाले मानसिक और आध्यात्मिक लाभों की अनुभूति।
क्यों करना चाहिए यह कोर्स?
- भगवान के प्रति समर्पण से भक्ति और साधना में गहराई आती है।
- मानसिक शांति और संतुलन प्राप्त करने के लिए समर्पण का महत्व।
- गुरु के मार्गदर्शन में समर्पण की सही शिक्षा और अभ्यास।
हम इस पाठ्यक्रम के माध्यम से प्रतिभागियों की कौन-कौन सी समस्याओं का समाधान कर रहे हैं?
- भगवान के प्रति समर्पण की समझ में अस्पष्टता और भ्रम का समाधान।
- भक्ति और साधना में दिशा और मार्गदर्शन का अभाव।
- मानसिक अशांति और असंतुलन का समाधान।
- जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाने के उपायों की कमी।