श्रीमद्भागवत मंगलाचरण

By ISKCON Bhagavata Mahavidyalaya

Certificate Course

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Course Duration

Hours

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Hours 30 Minutes each 

No. Of Sessions

2

Sessions per week

At your own pace

Language
Hindi

Eligibility

Anyone

Schedule of Classes

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Starts on
-

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About the Teacher

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ISKCON Bhagavata Mahavidyalaya

ISKCON Bhagavat Mahavidyalaya aims to provide a facility for its members to study, practice, and disseminate the teachings of Srimad Bhagavatam, along with the writings of the Gaudiya Vaisnava acaryas and the branches of Vedic philosophy, culture, music and science in the context of Srila Prabhupada’s teachings. ISKCON Bhagavata Mahavidyalaya is located in Sri Govardhan dhama to systematically propagate the teachings of Śrīmad-Bhāgavatam and Caitanya-caritāmṛta to the society at large.

To accomplish the above mission, ISKCON Bhagavata Mahavidyalaya will facilitate philosophical training for adult residential and non-residential students through the traditional Vedic educational methods. ISKCON Bhagavat Mahavidyalaya has been inspired by the service and efforts of His Grace Gopiparanadhana Prabhu and His Holiness Gaur Krishna Gosvami Maharaja. Their dedication toward the study and the dissemination of the teachings of Srimad Bhagavatam is the torchlight guiding us forward to serve this mission.

Course Overview

पाठ्यक्रम शीर्षक:

श्रीमद्भागवतम का मानस दर्शन

पाठ्यक्रम विवरण:

यह पाठ्यक्रम श्रीमद्भागवतम के आध्यात्मिक, दार्शनिक और सांस्कृतिक पहलुओं का गहन अध्ययन प्रदान करता है। इसमें श्रीमद्भागवतम के प्रमुख श्लोकों, कथाओं और उनकी व्याख्याओं पर ध्यान केंद्रित किया गया है, जिससे प्रतिभागी ग्रंथ के अद्वितीय संदेश को समझ सकें और उसे अपने जीवन में लागू कर सकें।

पाठ्यक्रम सामग्री:

परिचय: श्रीमद्भागवतम का इतिहास और उसकी महिमा

प्रमुख कथाएँ: ध्रुव चरित्र, प्रह्लाद चरित्र, अजनमी पुराण और गोपी गीत

दर्शन: भक्तियोग, ज्ञानयोग, और कर्मयोग का महत्व

आध्यात्मिक अनुष्ठान: भक्ति और ध्यान की प्रथाएं

आधुनिक जीवन में श्रीमद्भागवतम: ग्रंथ के सिद्धांतों का आज के जीवन में प्रयोग

लक्ष्य श्रोता:

अध्यात्म और भारतीय दर्शन में रुचि रखने वाले व्यक्ति

विद्यार्थी, शिक्षक, और धार्मिक अध्ययन के शोधकर्ता

वे लोग जो अपने जीवन में आध्यात्मिकता और संतुलन लाना चाहते हैं

पाठ्यक्रम की आवश्यकता:

इस कोर्स के लिए कोई विशेष पूर्व ज्ञान आवश्यक नहीं है। किसी भी व्यक्ति जो भारतीय ग्रंथों और दर्शन में रुचि रखता है, वह इस कोर्स में भाग ले सकता है।

कोर्स से प्रतिभागियों को क्या मिलेगा?

आध्यात्मिक ज्ञान: श्रीमद्भागवतम के गूढ़ और गहन अर्थों की समझ।

जीवन में संतुलन: ग्रंथ के संदेशों को जीवन में लागू करने की कला।

सांस्कृतिक समझ: भारतीय संस्कृति और धार्मिक परंपराओं का गहन अध्ययन।

मानसिक शांति: ध्यान और भक्ति की प्रथाओं से मानसिक संतुलन और शांति।

क्यों करना चाहिए यह कोर्स?

आध्यात्मिक विकास: यह कोर्स व्यक्तिगत विकास और आध्यात्मिक समृद्धि की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

दर्शन का ज्ञान: भारतीय दर्शन के गूढ़ सिद्धांतों की गहरी समझ प्राप्त करने का अवसर।

समग्र दृष्टिकोण: जीवन के विभिन्न पहलुओं को संतुलित और सकारात्मक दृष्टिकोण से देखने की क्षमता।

हम इस पाठ्यक्रम के माध्यम से प्रतिभागियों की कौन-कौन सी समस्याओं का समाधान कर रहे हैं?

आध्यात्मिक शून्यता: जीवन में आध्यात्मिक दिशा की कमी का समाधान।

मानसिक तनाव: ध्यान और भक्ति के माध्यम से मानसिक शांति प्राप्त करना।

सांस्कृतिक पहचान: भारतीय संस्कृति और उसकी प्राचीन परंपराओं के बारे में जागरूकता और समझ विकसित करना।

Course Content

Srimad Bhagavatam Mangalacharan

Frequently Asked Questions

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