शुद्ध भक्ति की छह विशेषताएँ

By ISKCON BHAGAVATA MAHAVIDYALAYA

Certificate Course

Enroll Now

Course Duration

1 Hours 40 mins

Videos

1

No. Of Sessions

1

Sessions per week

At your own pace

Language
Hindi

Eligibility

Anyone

Schedule of Classes

calendar

Starts on
-

calendar

Anytime

At your own pace

About the Teacher

teacher

ISKCON BHAGAVATA MAHAVIDYALAYA

ISKCON Bhagavat Mahavidyalaya aims to provide a facility for its members to study, practice, and disseminate the teachings of Srimad Bhagavatam, along with the writings of the Gaudiya Vaisnava acaryas and the branches of Vedic philosophy, culture, music and science in the context of Srila Prabhupada’s teachings.

ISKCON Bhagavat Mahavidyalaya has been inspired by the service and efforts of His Grace Gopiparanadhana Prabhu and His Holiness Gaur Krishna Gosvami Maharaja. Their dedication toward the study and the dissemination of the teachings of Srimad Bhagavatam is the torchlight guiding us forward to serve this mission.

Course Overview

पाठ्यक्रम शीर्षक:

शुद्ध भक्ति के लक्षण (Chapter 1)

पाठ्यक्रम विवरण:

यह पाठ्यक्रम भक्ति रसामृत सिंधु के सिद्धांतों पर आधारित है, जो शुद्ध भक्ति सेवा की विशेषताओं और लाभों को समझने में सहायक है। इस पाठ्यक्रम का उद्देश्य है कि प्रतिभागी कृष्णभावनामृत (कृष्ण चेतना) के महत्व, उसकी अद्वितीयता और उसके द्वारा मिलने वाली आंतरिक शांति और सुख को जानें।

पाठ्यक्रम सामग्री:

  • भक्ति कलेश से राहत:
  • भक्ति का अभ्यास कैसे मानसिक और भावनात्मक कष्टों से राहत दिला सकता है।
  • भक्ति के विभिन्न रूप और उनके प्रभाव।
  • कृष्णभावनामृत सर्वमंगलकारी है:
  • कृष्णभावनामृत के सर्वमंगलकारी गुण।
  • जीवन में सकारात्मक परिवर्तन और लाभ।
  • कृष्णभावनामृत में सुख:
  • भक्ति से प्राप्त होने वाला आत्मिक सुख।
  • भक्ति और साधना के माध्यम से आनंद की प्राप्ति।
  • शुद्ध भक्ति दुर्लभ है:
  • शुद्ध भक्ति की महिमा और उसे प्राप्त करने की कठिनाई।
  • शुद्ध भक्ति के लक्षण और इसे पाने के उपाय।
  • ब्रह्म से एकाकार होने का सुख:
  • भक्ति के माध्यम से ब्रह्मानंद की प्राप्ति।
  • भक्तियोग और ज्ञानयोग के बीच अंतर।
  • कृष्ण का आकर्षित करना:
  • भक्ति द्वारा कृष्ण को आकर्षित करने के उपाय।
  • कृष्ण के प्रति प्रेम और समर्पण।

लक्ष्य श्रोता:

  • धार्मिक और आध्यात्मिक रूप से रुचि रखने वाले व्यक्ति।
  • वे लोग जो मानसिक शांति और आत्मिक सुख की खोज में हैं।
  • आध्यात्मिक साधना में गहराई से उतरने के इच्छुक साधक।

पाठ्यक्रम की आवश्यकता:

  • जीवन में संतुलन और शांति स्थापित करना।
  • भक्ति और आध्यात्मिकता के माध्यम से मानसिक और भावनात्मक समस्याओं का समाधान।
  • आध्यात्मिक साधना में मार्गदर्शन प्राप्त करना।

कोर्स से प्रतिभागियों को क्या मिलेगा?

  • शुद्ध भक्ति के महत्व और उसकी विशेषताओं का गहन ज्ञान।
  • मानसिक और भावनात्मक कष्टों से राहत पाने के उपाय।
  • कृष्णभावनामृत के माध्यम से जीवन में सुख और शांति की प्राप्ति।
  • भक्ति साधना की प्रक्रियाओं और उनके लाभों की समझ।

क्यों करना चाहिए यह कोर्स?

  • आत्मिक उन्नति और आध्यात्मिक प्रगति के लिए।
  • जीवन में शांति, संतोष और आनंद की प्राप्ति के लिए।
  • कृष्ण के प्रति प्रेम और भक्ति को गहन करने के लिए।
  • मानसिक और भावनात्मक समस्याओं का समाधान पाने के लिए।

हम इस पाठ्यक्रम के माध्यम से प्रतिभागियों की कौन-कौन सी समस्याओं का समाधान कर रहे हैं?

  • मानसिक और भावनात्मक कष्ट।
  • जीवन में शांति और संतुलन की कमी।
  • आत्मिक सुख और आंतरिक शांति की खोज।
  • आध्यात्मिक साधना में मार्गदर्शन और प्रगति।

Course Content

Frequently Asked Questions

Related Content