भगवान की असीम शक्तियों का रहस्य क्या है ?

By ISKCON Bhagavata Mahavidyalaya

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Language
Hindi

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About the Teacher

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ISKCON Bhagavata Mahavidyalaya

ISKCON Bhagavat Mahavidyalaya aims to provide a facility for its members to study, practice, and disseminate the teachings of Srimad Bhagavatam, along with the writings of the Gaudiya Vaisnava acaryas and the branches of Vedic philosophy, culture, music and science in the context of Srila Prabhupada’s teachings. ISKCON Bhagavata Mahavidyalaya is located in Sri Govardhan dhama to systematically propagate the teachings of Śrīmad-Bhāgavatam and Caitanya-caritāmṛta to the society at large.

To accomplish the above mission, ISKCON Bhagavata Mahavidyalaya will facilitate philosophical training for adult residential and non-residential students through the traditional Vedic educational methods. ISKCON Bhagavat Mahavidyalaya has been inspired by the service and efforts of His Grace Gopiparanadhana Prabhu and His Holiness Gaur Krishna Gosvami Maharaja. Their dedication toward the study and the dissemination of the teachings of Srimad Bhagavatam is the torchlight guiding us forward to serve this mission.

Course Overview

पाठ्यक्रम शीर्षक:

श्री ईशोपनिषद :

 (श्लोक 5) : भगवान की असीम शक्तियों का रहस्य क्या है ?

पाठ्यक्रम विवरण:

यह पाठ्यक्रम श्री ईशोपनिषद के गहन श्लोकों और उनके अर्थों का अध्ययन करेगा। यह उपनिषद वेदों के सबसे महत्वपूर्ण और छोटे उपनिषदों में से एक है, जो अध्यात्म, दर्शन और जीवन के उद्देश्य पर आधारित है। इस पाठ्यक्रम में हम विशेष रूप से श्लोक 5 पर ध्यान केंद्रित करेंगे, जो परमात्मा की अद्वितीय और विरोधाभासी प्रकृति के बारे में शिक्षा देता है।

पाठ्यक्रम सामग्री:

  • तदेजति तन्नैजति (श्लोक 5):
  • वह चलता है और नहीं भी चलता, वह दूर भी है और निकट भी है।
  • परमात्मा की विरोधाभासी और सर्वव्यापी प्रकृति का अध्ययन।
  • परमात्मा के साथ संबंध और उसकी सर्वव्यापकता का जीवन में महत्व।

लक्ष्य श्रोता:

  • वे व्यक्ति जो भारतीय दर्शन और वेदांत में रुचि रखते हैं।
  • अध्यात्मिक साधक और योग अभ्यासक।
  • भारतीय संस्कृति और धर्म का गहन अध्ययन करने वाले विद्यार्थी।
  • जीवन के उद्देश्य और मार्गदर्शन की तलाश में रहने वाले लोग।
  • वे लोग जो परमात्मा की सर्वव्यापकता और उसकी विरोधाभासी प्रकृति को समझना चाहते हैं।

पाठ्यक्रम की आवश्यकता:

  • आज की व्यस्त जीवनशैली में परमात्मा के ज्ञान और उसकी सर्वव्यापकता की आवश्यकता।
  • भारतीय उपनिषदिक ज्ञान का सही और गहरा अध्ययन।
  • जीवन के गूढ़ रहस्यों को समझने की जिज्ञासा।
  • परमात्मा की विरोधाभासी और सर्वव्यापी प्रकृति को समझने की आवश्यकता।

कोर्स से प्रतिभागियों को क्या मिलेगा?

  • ईशोपनिषद के श्लोक 5 का विस्तृत और गहरा ज्ञान।
  • परमात्मा की विरोधाभासी और सर्वव्यापी प्रकृति की समझ।
  • परमात्मा के साथ संबंध और उसकी सर्वव्यापकता का जीवन में महत्व।
  • व्यक्तिगत और आध्यात्मिक विकास के लिए मार्गदर्शन।
  • जीवन में परमात्मा के सर्वव्यापकता और उसकी अद्वितीय प्रकृति का अनुभव करने की कला।

क्यों करना चाहिए यह कोर्स?

  • भारतीय दर्शन और वेदांत का समृद्ध ज्ञान प्राप्त करने के लिए।
  • आत्मिक शांति और संतोष की खोज में।
  • जीवन के उद्देश्य और सही मार्गदर्शन की प्राप्ति के लिए।
  • परमात्मा की विरोधाभासी और सर्वव्यापी प्रकृति को समझने और जीवन में सही दिशा पाने के लिए।

हम इस पाठ्यक्रम के माध्यम से प्रतिभागियों की कौन-कौन सी समस्याओं का समाधान कर रहे हैं?

  • आत्मिक असंतोष: जीवन में संतोष और शांति की कमी।
  • अज्ञान: परमात्मा और उसकी विरोधाभासी प्रकृति के वास्तविक ज्ञान की कमी।
  • जीवन में दिशाहीनता: जीवन के उद्देश्य और सही मार्गदर्शन की आवश्यकता।
  • मानसिक तनाव: आधुनिक जीवन की समस्याओं से उत्पन्न तनाव और चिंता।
  • अध्यात्मिक विकास: व्यक्तिगत और आत्मिक उन्नति की खोज।
  • परमात्मा का अनुभव: परमात्मा की विरोधाभासी और सर्वव्यापी प्रकृति की समझ और उसका जीवन में महत्व।

यह पाठ्यक्रम प्रतिभागियों को श्री ईशोपनिषद के माध्यम से जीवन की गूढ़ रहस्यों को समझने और एक संतुलित, शांतिपूर्ण और उद्देश्यपूर्ण जीवन जीने का मार्गदर्शन प्रदान करेगा।

Course Content

Frequently Asked Questions

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