ऋषियों के छह प्रश्न

By ISKCON Bhagavata Mahavidyalaya

Certificate Course

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Course Duration

10 Hours

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No. Of Sessions

5

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Language
Hindi

Eligibility

Anyone 

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About the Teacher

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ISKCON Bhagavata Mahavidyalaya

ISKCON Bhagavat Mahavidyalaya aims to provide a facility for its members to study, practice, and disseminate the teachings of Srimad Bhagavatam, along with the writings of the Gaudiya Vaisnava acaryas and the branches of Vedic philosophy, culture, music and science in the context of Srila Prabhupada’s teachings. ISKCON Bhagavata Mahavidyalaya is located in Sri Govardhan dhama to systematically propagate the teachings of Śrīmad-Bhāgavatam and Caitanya-caritāmṛta to the society at large.

To accomplish the above mission, ISKCON Bhagavata Mahavidyalaya will facilitate philosophical training for adult residential and non-residential students through the traditional Vedic educational methods. ISKCON Bhagavat Mahavidyalaya has been inspired by the service and efforts of His Grace Gopiparanadhana Prabhu and His Holiness Gaur Krishna Gosvami Maharaja. Their dedication toward the study and the dissemination of the teachings of Srimad Bhagavatam is the torchlight guiding us forward to serve this mission.

Course Overview

पाठ्यक्रम शीर्षक:

श्रीमद्भागवतम के ऋषियों के छह प्रश्न 

पाठ्यक्रम विवरण:

यह पाठ्यक्रम श्रीमद्भागवतम के पहले स्कंध के प्रारंभिक छह अध्यायों पर केंद्रित है, जिसमें छह ऋषियों द्वारा किए गए महत्वपूर्ण प्रश्नों का अध्ययन किया जाएगा। ये प्रश्न जीवन, धर्म, और आध्यात्मिकता के गहनतम पहलुओं से जुड़े हैं। इस पाठ्यक्रम का उद्देश्य प्रतिभागियों को इन प्रश्नों और उनके उत्तरों के माध्यम से श्रीमद्भागवतम के मुख्य सिद्धांतों और शिक्षाओं की गहरी समझ प्रदान करना है।

पाठ्यक्रम सामग्री:

परिचय: श्रीमद्भागवतम और उसके ऐतिहासिक संदर्भ

प्रश्न 1: जीवन का अंतिम उद्देश्य और धर्म का स्वरूप

प्रश्न 2: भगवान के अवतार और उनकी लीलाओं का महत्व

प्रश्न 3: सृष्टि की उत्पत्ति और संरचना का रहस्य

प्रश्न 4: भक्तियोग और ज्ञानयोग का तुलनात्मक अध्ययन

प्रश्न 5: आत्मा और परमात्मा का संबंध

प्रश्न 6: मोक्ष का मार्ग और भगवान की महिमा

लक्ष्य श्रोता:

वे लोग जो भारतीय धार्मिक ग्रंथों और दर्शन में गहरी रुचि रखते हैं

धार्मिक अध्ययन के विद्यार्थी, शिक्षक और शोधकर्ता

आध्यात्मिक साधक जो अपने ज्ञान और समझ को और अधिक समृद्ध करना चाहते हैं

पाठ्यक्रम की आवश्यकता:

इस पाठ्यक्रम के लिए प्रतिभागियों को बुनियादी धार्मिक और दार्शनिक ज्ञान की आवश्यकता है। श्रीमद्भागवतम और अन्य भारतीय ग्रंथों में रुचि रखने वाले सभी लोग इस पाठ्यक्रम में भाग ले सकते हैं।

कोर्स से प्रतिभागियों को क्या मिलेगा?

आध्यात्मिक ज्ञान: श्रीमद्भागवतम के प्रारंभिक अध्यायों के गूढ़ अर्थों की गहरी समझ।

धार्मिक सिद्धांत: जीवन, धर्म, और आध्यात्मिकता से जुड़े महत्वपूर्ण प्रश्नों के उत्तर।

प्रेरणा: अपने आध्यात्मिक पथ पर आगे बढ़ने के लिए मार्गदर्शन और प्रेरणा।

जीवन का संतुलन: धार्मिक और आध्यात्मिक शिक्षाओं के माध्यम से जीवन में संतुलन स्थापित करने की कला।

क्यों करना चाहिए यह कोर्स?

ज्ञान की प्राप्ति: भारतीय धर्म और दर्शन के गहन सिद्धांतों को समझने का अनूठा अवसर।

आध्यात्मिक उन्नति: अपने जीवन में आध्यात्मिकता और संतुलन लाने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम।

व्यावहारिक जीवन: श्रीमद्भागवतम के सिद्धांतों को दैनिक जीवन में लागू करने का मार्गदर्शन।

हम इस पाठ्यक्रम के माध्यम से प्रतिभागियों की कौन-कौन सी समस्याओं का समाधान कर रहे हैं?

आध्यात्मिक भटकाव: जीवन में सही दिशा और उद्देश्य की कमी का समाधान।

धार्मिक संदेह: धर्म और आध्यात्मिकता से जुड़े संदेहों का समाधान।

मानसिक अशांति: आध्यात्मिक अभ्यास और शिक्षाओं के माध्यम से मानसिक शांति और संतुलन प्राप्त करना।

Course Content

Rshiyon Ke Chhah Prashn

Frequently Asked Questions

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