शुद्ध भक्ति की परिभाषा

By ISKCON BHAGAVATA MAHAVIDYALAYA

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ISKCON BHAGAVATA MAHAVIDYALAYA

ISKCON Bhagavat Mahavidyalaya aims to provide a facility for its members to study, practice, and disseminate the teachings of Srimad Bhagavatam, along with the writings of the Gaudiya Vaisnava acaryas and the branches of Vedic philosophy, culture, music and science in the context of Srila Prabhupada’s teachings.

ISKCON Bhagavat Mahavidyalaya has been inspired by the service and efforts of His Grace Gopiparanadhana Prabhu and His Holiness Gaur Krishna Gosvami Maharaja. Their dedication toward the study and the dissemination of the teachings of Srimad Bhagavatam is the torchlight guiding us forward to serve this mission.

Course Overview

पाठ्यक्रम शीर्षक:

शुद्ध भक्ति की परिभाषा 

पाठ्यक्रम विवरण:
इस पाठ्यक्रम का उद्देश्य 'भक्ति रसामृत सिन्धु' के माध्यम से शुद्ध भक्ति की परिभाषा और उसकी विभिन्न पहलुओं को समझना है। 'भक्ति रसामृत सिन्धु' एक महत्वपूर्ण ग्रंथ है जो भक्ति योग के सिद्धांतों और उसकी गहराईयों का विस्तृत वर्णन करता है। इस पाठ्यक्रम के माध्यम से प्रतिभागी शुद्ध भक्ति के महत्व, स्वरूप और उसकी साधना के विभिन्न आयामों से परिचित होंगे।

पाठ्यक्रम सामग्री:

  1. परिचय:

    • भक्ति रसामृत सिन्धु का ऐतिहासिक और साहित्यिक महत्व
    • श्रील रूप गोस्वामी का जीवन और योगदान
  2. शुद्ध भक्ति की परिभाषा:

    • भक्ति क्या है?
    • शुद्ध भक्ति के लक्षण
    • कामना रहित भक्ति और उसके लाभ
  3. भक्ति के विभिन्न स्तर:

    • साधना भक्ति (अभ्यास रूप)
    • भाव भक्ति (भावात्मक रूप)
    • प्रेम भक्ति (सर्वोच्च रूप)
  4. भक्ति के तत्व:

    • गुरु की महत्ता और शिष्य का कर्तव्य
    • नाम-संकीर्तन और अन्य भक्ति के अंग
    • अनन्य भक्ति और उसका महत्व
  5. रागानुगा और वैधी भक्ति:

    • वैधी भक्ति की विधियाँ
    • रागानुगा भक्ति की प्रकृति
  6. व्यवहारिक अनुप्रयोग:

    • दैनिक जीवन में शुद्ध भक्ति का अभ्यास
    • भक्ति साधना की चुनौतियाँ और समाधान

लक्ष्य श्रोता:

  • भक्ति योग में रुचि रखने वाले साधक
  • अध्यात्मिक ग्रंथों के अध्ययन में रुचि रखने वाले विद्यार्थी
  • वे व्यक्ति जो अपने भक्ति मार्ग को अधिक गहन और प्रभावी बनाना चाहते हैं

पाठ्यक्रम की आवश्यकता:

  • भक्ति योग का प्राथमिक ज्ञान (अनिवार्य नहीं, लेकिन लाभप्रद)
  • वैदिक साहित्य और संस्कृत शास्त्रों में रुचि

कोर्स से प्रतिभागियों को क्या मिलेगा?

  • 'भक्ति रसामृत सिन्धु' के माध्यम से शुद्ध भक्ति की गहन समझ
  • भक्ति योग के विभिन्न आयामों का ज्ञान
  • भक्ति साधना के सिद्धांतों और प्रथाओं की जानकारी
  • अध्यात्मिक उन्नति और भक्ति में दृढ़ता

क्यों करना चाहिए यह कोर्स?

  • शुद्ध भक्ति का ज्ञान व्यक्ति की आत्मिक शांति और उन्नति के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है
  • 'भक्ति रसामृत सिन्धु' भक्ति योग का एक प्रमुख ग्रंथ है, जिसका अध्ययन भक्ति साधना में प्रगति के लिए आवश्यक है
  • यह पाठ्यक्रम भक्ति के विभिन्न पहलुओं का समग्र ज्ञान प्रदान करेगा और व्यक्तिगत साधना को गहन बनाएगा

हम इस पाठ्यक्रम के माध्यम से प्रतिभागियों की कौन-कौन सी समस्याओं का समाधान कर रहे हैं?

  • भक्ति साधना में आने वाले अवरोधों को समझना और उनका समाधान करना
  • शुद्ध भक्ति के सिद्धांतों और उनकी साधना में स्पष्टता लाना
  • आध्यात्मिक उन्नति के मार्ग में आने वाली चुनौतियों का समाधान प्रदान करना
  • व्यक्तिगत जीवन में भक्ति के सिद्धांतों का सही ढंग से अनुप्रयोग करने में मदद करना

Course Content

Frequently Asked Questions

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