भगवान् का वास्तविक स्वरूप: क्या है?

By ISKCON Bhagavata Mahavidyalaya

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20 Mins

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Language
Hindi

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About the Teacher

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ISKCON Bhagavata Mahavidyalaya

ISKCON Bhagavat Mahavidyalaya aims to provide a facility for its members to study, practice, and disseminate the teachings of Srimad Bhagavatam, along with the writings of the Gaudiya Vaisnava acaryas and the branches of Vedic philosophy, culture, music and science in the context of Srila Prabhupada’s teachings. ISKCON Bhagavata Mahavidyalaya is located in Sri Govardhan dhama to systematically propagate the teachings of Śrīmad-Bhāgavatam and Caitanya-caritāmṛta to the society at large.

To accomplish the above mission, ISKCON Bhagavata Mahavidyalaya will facilitate philosophical training for adult residential and non-residential students through the traditional Vedic educational methods. ISKCON Bhagavat Mahavidyalaya has been inspired by the service and efforts of His Grace Gopiparanadhana Prabhu and His Holiness Gaur Krishna Gosvami Maharaja. Their dedication toward the study and the dissemination of the teachings of Srimad Bhagavatam is the torchlight guiding us forward to serve this mission.

Course Overview

पाठ्यक्रम शीर्षक: 

श्लोक 15 : भगवान् का वास्तविक स्वरूप: क्या है?

पाठ्यक्रम विवरण:

इस पाठ्यक्रम का उद्देश्य Ishopanishad के श्लोक 15 के माध्यम से भगवान के वास्तविक स्वरूप को समझना और उसकी गहराई में जाना है। यह कोर्स भगवान के स्वरूप, उनके दिव्य गुणों और उनके महत्व को स्पष्ट करेगा, जिससे भक्ति और आध्यात्मिक साधना में सहायता मिलेगी।

पाठ्यक्रम सामग्री:

  1. भगवान के वास्तविक स्वरूप का परिचय:
    • शास्त्रों में वर्णित भगवान के स्वरूप की व्याख्या।
    • भगवान के वास्तविक स्वरूप के विभिन्न पहलू।
  2. भगवान के नाम और रूप:
    • भगवान के विभिन्न नामों और उनके महत्व।
    • भगवान के विभिन्न रूप और उनके प्रतीकात्मक अर्थ।
  3. भगवान के गुण और लीलाएँ:
    • भगवान के दिव्य गुण और उनका महत्व।
    • भगवान की लीलाओं की कथाएँ और उनकी आध्यात्मिक व्याख्या।
  4. भगवान और जीवात्मा का संबंध:
    • भगवान और जीवात्मा के बीच का आध्यात्मिक संबंध।
    • इस संबंध की महत्ता और इसके अनुभव का तरीका।
  5. प्रमाणित गुरु का मार्गदर्शन:
    • प्रमाणित गुरु से भगवान के वास्तविक स्वरूप को समझने का तरीका।
    • गुरु-शिष्य परंपरा का महत्व।
  6. ध्यान और भक्ति के माध्यम से अनुभव:
    • ध्यान और भक्ति के माध्यम से भगवान के स्वरूप का अनुभव।
    • साधना की तकनीक और उसकी भूमिका।

लक्ष्य श्रोता:

  • आध्यात्मिक साधक
  • वेदांत और उपनिषद में रुचि रखने वाले लोग
  • भक्ति मार्ग में अग्रसर व्यक्ति
  • योग और ध्यान के अभ्यासकर्ता
  • छात्र और शिक्षक जो भारतीय दर्शन में रुचि रखते हैं

पाठ्यक्रम की आवश्यकता:

  • भगवान के स्वरूप के बारे में सही और गहन समझ प्राप्त करने की आवश्यकता।
  • आध्यात्मिक मार्गदर्शन और सही दिशा प्राप्त करने के लिए।
  • भक्ति और साधना में भगवान के वास्तविक स्वरूप को समझने की आवश्यकता।

कोर्स से प्रतिभागियों को क्या मिलेगा?

  • भगवान के वास्तविक स्वरूप की गहरी समझ।
  • शास्त्रों और गुरु से प्राप्त ज्ञान के माध्यम से भगवान के स्वरूप की सटीक व्याख्या।
  • भक्ति और ध्यान के माध्यम से भगवान के दिव्य गुणों और लीलाओं का अनुभव।
  • भगवान और जीवात्मा के संबंध की गहरी समझ और इसका आध्यात्मिक महत्व।

क्यों करना चाहिए यह कोर्स?

  • भगवान के वास्तविक स्वरूप की सही समझ भक्ति और साधना में गहराई लाती है।
  • प्रमाणित गुरु के मार्गदर्शन में भगवान की सही शिक्षा प्राप्त करने का महत्व।
  • भगवान के दिव्य गुणों और लीलाओं को समझकर जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाना।

हम इस पाठ्यक्रम के माध्यम से प्रतिभागियों की कौन-कौन सी समस्याओं का समाधान कर रहे हैं?

  • भगवान के स्वरूप की अस्पष्टता और भ्रम का समाधान।
  • भक्ति और साधना में दिशा और मार्गदर्शन का अभाव।
  • भगवान के दिव्य गुणों और लीलाओं को समझने की कठिनाई।
  • आध्यात्मिक साधना में गहराई और अनुभव की कमी।

Course Content

Frequently Asked Questions

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