दिव्यता और दिव्य सेवा

By ISKCON Bhagavata Mahavidyalaya

Certificate Course

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Course Duration

7Hours 30 minutes 

Videos

5

No. Of Sessions

5

Sessions per week

At your own pace 

Language
Hindi

Eligibility

Anyone

Schedule of Classes

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Starts on
-

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About the Teacher

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ISKCON Bhagavata Mahavidyalaya

ISKCON Bhagavat Mahavidyalaya aims to provide a facility for its members to study, practice, and disseminate the teachings of Srimad Bhagavatam, along with the writings of the Gaudiya Vaisnava acaryas and the branches of Vedic philosophy, culture, music and science in the context of Srila Prabhupada’s teachings. ISKCON Bhagavata Mahavidyalaya is located in Sri Govardhan dhama to systematically propagate the teachings of Śrīmad-Bhāgavatam and Caitanya-caritāmṛta to the society at large.

To accomplish the above mission, ISKCON Bhagavata Mahavidyalaya will facilitate philosophical training for adult residential and non-residential students through the traditional Vedic educational methods. ISKCON Bhagavat Mahavidyalaya has been inspired by the service and efforts of His Grace Gopiparanadhana Prabhu and His Holiness Gaur Krishna Gosvami Maharaja. Their dedication toward the study and the dissemination of the teachings of Srimad Bhagavatam is the torchlight guiding us forward to serve this mission.

Course Overview

पाठ्यक्रम शीर्षक:

श्रीमद्भागवतम: दिव्यता और दिव्य सेवा 

पाठ्यक्रम विवरण:

यह पाठ्यक्रम श्रीमद्भागवतम के माध्यम से दिव्यता के सार और दिव्य सेवा के महत्व का गहन अध्ययन प्रदान करता है। इसमें भगवान के रूपों, लीलाओं और भक्तों द्वारा की गई सेवाओं का विश्लेषण किया जाएगा। पाठ्यक्रम का उद्देश्य प्रतिभागियों को भगवान की दिव्यता और सेवा की महत्ता को समझाने के साथ-साथ, इस ज्ञान को अपने जीवन में कैसे लागू करें, इस पर मार्गदर्शन प्रदान करना है।

पाठ्यक्रम सामग्री:

दिव्यता का परिचय: भगवान की अद्वितीयता और उनकी महिमा

भगवान के अवतार: विभिन्न अवतारों का अध्ययन और उनका महत्व

भक्तियोग: भक्ति के माध्यम से भगवान की सेवा और उसका प्रभाव

दिव्य सेवा: ईश्वर की सेवा के विभिन्न रूप और उनके फल

आध्यात्मिक साधना: ध्यान, प्रार्थना, और कीर्तन के माध्यम से दिव्यता का अनुभव

आधुनिक जीवन में दिव्यता: दिव्यता को दैनिक जीवन में कैसे लागू करें

लक्ष्य श्रोता:

अध्यात्म और धर्म में रुचि रखने वाले व्यक्ति

धार्मिक अध्ययन के विद्यार्थी, शिक्षक, और शोधकर्ता

आध्यात्मिक साधक और भक्त

पाठ्यक्रम की आवश्यकता:

इस पाठ्यक्रम में भाग लेने के लिए प्रतिभागियों को भारतीय धर्म और आध्यात्मिकता के बुनियादी ज्ञान की आवश्यकता है। हालांकि, कोई भी जो दिव्यता और भक्ति के बारे में जानने के इच्छुक हैं, वे इस पाठ्यक्रम में भाग ले सकते हैं।

कोर्स से प्रतिभागियों को क्या मिलेगा?

दिव्यता की समझ: भगवान की अद्वितीयता और उनकी लीलाओं का गहन ज्ञान।

भक्तियोग का महत्व: भक्ति और सेवा के माध्यम से भगवान के साथ जुड़ाव का अनुभव।

जीवन का संतुलन: दिव्यता और सेवा के माध्यम से अपने जीवन में संतुलन और शांति स्थापित करने की कला।

आध्यात्मिक विकास: भगवान की सेवा के माध्यम से अपने आध्यात्मिक पथ पर प्रगति।

क्यों करना चाहिए यह कोर्स?

दिव्यता का अनुभव: भगवान की दिव्यता को समझने और उसे अपने जीवन में उतारने का अवसर।

आध्यात्मिक प्रगति: भक्ति और सेवा के माध्यम से आध्यात्मिक उन्नति की दिशा में कदम बढ़ाना।

जीवन का मार्गदर्शन: श्रीमद्भागवतम के सिद्धांतों को जीवन में लागू करके सही मार्ग पर चलने का मार्गदर्शन।

हम इस पाठ्यक्रम के माध्यम से प्रतिभागियों की कौन-कौन सी समस्याओं का समाधान कर रहे हैं?

आध्यात्मिक खालीपन: जीवन में आध्यात्मिकता और दिव्यता की कमी का समाधान।

भक्ति में स्थिरता: भगवान की सेवा के माध्यम से भक्ति में स्थिरता और गहराई लाने का मार्गदर्शन।

जीवन में दिशा: धार्मिक और आध्यात्मिक शिक्षाओं के माध्यम से जीवन में सही दिशा और उद्देश्य प्राप्त करना।

Course Content

Divyata Aur Divy Seva

Frequently Asked Questions

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