Course Duration
1 Hours 20 mins
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No. Of Sessions
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Sessions per week
At your own pace
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Language
Hindi
Eligibility
Anyone
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Schedule of Classes
Starts on
-
Always open
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About the Teacher
ISKCON BHAGAVATA MAHAVIDYALAYA
About the Teacher
ISKCON Bhagavat Mahavidyalaya aims to provide a facility for its members to study, practice, and disseminate the teachings of Srimad Bhagavatam, along with the writings of the Gaudiya Vaisnava acaryas and the branches of Vedic philosophy, culture, music and science in the context of Srila Prabhupada’s teachings.
ISKCON Bhagavat Mahavidyalaya has been inspired by the service and efforts of His Grace Gopiparanadhana Prabhu and His Holiness Gaur Krishna Gosvami Maharaja. Their dedication toward the study and the dissemination of the teachings of Srimad Bhagavatam is the torchlight guiding us forward to serve this mission.
Course Overview
पाठ्यक्रम शीर्षक:
भक्ति की प्रथमिक अवस्थाए (CHAPTER 2)
पाठ्यक्रम विवरण:
यह पाठ्यक्रम श्रील रूप गोस्वामी द्वारा रचित 'भक्ति रसामृत सिंधु' के दूसरे अध्याय पर आधारित है। यह अध्याय भक्ति के प्रारंभिक चरणों पर केंद्रित है, जिसमें भक्तियोग की बुनियादी शिक्षा और प्रारंभिक अभ्यास शामिल हैं। यह पाठ्यक्रम भक्ति के महत्व, इसके प्रारंभिक चरणों और साधना पद्धतियों पर प्रकाश डालता है।
पाठ्यक्रम सामग्री:
- श्रद्धा (विश्वास):
- भक्ति साधना की नींव
- श्रद्धा के विकास और उसके महत्व की सम
- साधु-संग (संतों का संग):
- सत्संग और उसके प्रभाव।
- संतों का महत्व और उनसे प्राप्त होने वाले लाभ।
- भजन-क्रिया (साधना का अभ्यास):
- भक्ति साधना की विभिन्न विधियाँ।
- दैनिक भक्ति क्रियाओं का महत्व और अभ्यास।
- अनर्थ-निवृत्ति (दोषों का नाश):
- भक्ति मार्ग में आने वाली बाधाएँ और उनसे छुटकारा।
- दोषों और अनर्थों का निवारण।
- निष्ठा (दृढ़ता):
- भक्ति में स्थिरता और दृढ़ता का महत्व।
- निष्ठा के लक्षण और उसे प्राप्त करने के उपाय।
- रुचि (स्वाद):
- भक्ति में रुचि और इसके विकास की प्रक्रिया।
- रुचि के लक्षण और इसे बढ़ाने के उपाय।
लक्ष्य श्रोता:
- नए साधक जो भक्ति योग के प्रारंभिक चरणों को समझना चाहते हैं।
- वे व्यक्ति जो भक्ति में रुचि रखते हैं और इसे अपने जीवन में अपनाना चाहते हैं।
- धार्मिक और आध्यात्मिक साधना में प्रारंभिक मार्गदर्शन की आवश्यकता वाले व्यक्ति।
पाठ्यक्रम की आवश्यकता:
- भक्ति के प्रारंभिक चरणों की गहरी समझ।
- साधना पद्धतियों का अभ्यास और मार्गदर्शन।
- भक्ति मार्ग में आने वाली बाधाओं को दूर करने के उपाय।
कोर्स से प्रतिभागियों को क्या मिलेगा?
- भक्ति के प्रारंभिक चरणों की व्यापक जानकारी।
- साधना में स्थिरता और दृढ़ता प्राप्त करने के उपाय।
- भक्ति मार्ग में आने वाली बाधाओं और दोषों से निपटने के तरीके।
- भक्ति साधना में रुचि और स्वाद का विकास।
क्यों करना चाहिए यह कोर्स?
- भक्ति मार्ग में प्रवेश करने के लिए आवश्यक प्रारंभिक ज्ञान प्राप्त करने के लिए।
- साधना में आने वाली कठिनाइयों का समाधान पाने के लिए।
- जीवन में शांति, संतोष और आत्मिक उन्नति के लिए।
- भक्ति साधना में स्थिरता और दृढ़ता प्राप्त करने के लिए।
हम इस पाठ्यक्रम के माध्यम से प्रतिभागियों की कौन-कौन सी समस्याओं का समाधान कर रहे हैं?
- भक्ति साधना के प्रारंभिक चरणों में आने वाली कठिनाइयाँ।
- भक्ति मार्ग में आने वाली बाधाएँ और दोष।
- साधना में स्थिरता और दृढ़ता की कमी।
- भक्ति साधना में रुचि और स्वाद का अभाव।
Course Content
Frequently Asked Questions
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