Course Duration
9 Hours
9 Hours
Videos
90 Minutes
90 Minutes
No. Of Sessions
6
6
Sessions per week
3
3
Language
Hindi
Eligibility
N/A
Schedule of Classes
Starts on
-
7:00 PM - 8:30 PM IST
Regular classes onTuesday, Thursday, Saturday
About the Teacher
Satprem Das
About the Teacher
श्रीमान सत प्रेम प्रभु जी ईसकोन भागवत महाविद्यालय, गोवेर्धन , मथुरा में भक्ति-शास्त्री और भक्ति वैभव के आध्यात्मिक शिक्षक व मोटिवेशनल लीडर व आध्यात्मिक काउंसलर है। आधात्मिक योग्यता- 1-भक्ति शास्त्री 2-भक्ति वैभव 3-भक्ति वेदांत (अध्यनरत) 4-अनुभव-पिछले 15 वर्षों से आधात्मिक सिध्दांतो के आधार पर सभी प्रकार के जन समुदाय और सभी आयु वर्ग के लोगो को विशेष रूप से युवाओं व बालको का समुचित मार्गदर्शन व अपना अनुभव वितरण कर रहे है । वे भैतिक और आधात्मिक जीवन में संतुलन बनाते हुए दुसरो को जीवन मे उत्कृष्टता और प्रसन्नता प्राप्त कराने में सहायता कर रहे है । विशेषता-चूंकि इन्होंने भरी जवानी में 90 वर्ष के वृद्ध व्यक्ति का कष्ट उठाया है अतः वे व्रद्ध वैष्णवो की सेवा करने की तरफ इनका बहुत रुझान है । इनकी तीव्र उत्कंठा है कि वे कृष्णभावनाभावित वृद्धा आश्रम खोल कर वरिष्ठ नागरिकों की सेवा करना चाहते है । शैक्षणिक योगयता- 1-कला स्नातक (भोपाल, म.प.) 2-होटल मैनेजमेंट में स्नातक (दिल्ली) 3-अनुभव-अनेक वर्षों तक मुम्बई के 5 स्टार होटलों में अनेक वर्षों तक सेवाएं दी है ।
उनके निजी जीवन में आश्चर्यजनक घटनाओं की श्रृंखलाओ के बाद आध्यात्मिकता के प्रति उनका झुकाव हो गया था वे कृष्णभावना में आने का सारा श्रेय कृष्ण को नकारात्मक स्थितियों की श्रृंखला बनाने के लिए और जिन भक्तो ने उनका सहयोग किया उनको देते है विशेष रूप से उनकी कृष्ण भक्त माता जी को। विशेष आकर्षण- कृष्ण-भक्ति में आने से पहले उनका जीवन बहुत आनंद से कट रहा था लेकिन कृष्ण-भक्ति में आने के बाद उन्होंने कृष्ण-भक्ति का अभ्यास करने के लिए महान द्रढ़ता के साथ संघर्ष किया। जैसा कि उन्हें एक लाइलाज गंभीर बीमारी परिकन्सन ने हमला किया था जो कि लकवा के समान थी वे एकदम निसहाय अवस्था मे लगातार 15 वर्षों तक क्वारंटाइन (संगरोध) रहे लेकिन वह कृष्ण-भक्ति नहीं छोड़ने के लिए दृढ़ थे। और अब इस्कोन भागवत महाविद्यालय , गोवेर्धन में श्रीमद्भागवत गहन अध्ययन करने के कारण उन पर भागवत जी की कृपा हुई और एक सफल योद्धा की तरह उन्होंने इन बीमारी को हरा दिया और इस स्वस्थ है। उनका जीवन श्रीमद्भागवत के अध्ययन और भगवान के पवित्र नाम के चमत्कार का ज्वलंत उदाहरण है।
Course Overview
पाठ्यक्रम विवरण:
इस कोर्स में हम "भगवान को वश में करने" के विषय को प्रभुपाद तात्पर्य और वैष्णव आचार्यों की टीका पर आधारित रूप में देखेंगे। हम इस कोर्स के माध्यम से विभिन्न आध्यात्मिक अवधारणाओं, विचारों, और धार्मिक अनुष्ठानों के माध्यम से भगवान के प्रति भक्ति और आदर्शों को समझने का प्रयास करेंगे।
इस पाठ्यक्रम से छात्रों को क्या लाभ होगा?
1. सफलता प्राप्ति के लिए प्रयास और भगवान की कृपा की महत्वपूर्णता की जानकारी
2. दूसरों की सेवा करने का महत्व और तरीके की समझ
3. भगवत सेवा को जीवन में महत्वपूर्ण स्थान देने की प्रेरणा
4. प्रभु की कृपा प्राप्ति के लिए उपाय और मार्गदर्शन
पाठ्यक्रम सामग्री:
- प्रभुपाद तात्पर्य और वैष्णव आचार्यों की टीका पर आधारित अध्ययन
- धार्मिक अनुष्ठानों में भगवान के प्रति भक्ति और समर्पण
लक्षित दर्शक:
यह कोर्स सभी प्रतियोगिता क्षमता से लैस सभी वर्ग के छात्रों के लिए है, विशेष रूप से युवा वर्ग के लिए अत्यंत उपयुक्त है।
पाठ्यक्रम की आवश्यकता:
कोर्स में भाग लेने वाले छात्रों से केवल सक्रिय रूप से ध्यान देने और विचार करने की आवश्यकता है।
छात्रों के लिए महत्वपूर्ण दिशानिर्देश:
हम आपको आग्रह करते हैं कि आप प्रतिदिन कक्षा में उपस्थित होने का समर्पण करें।
किसी को इस पाठ्यक्रम में क्यों भाग लेना चाहिए?
इस पाठ्यक्रम के माध्यम से हम छात्रों की किन समस्याओं का समाधान कर रहे हैं?
यह कोर्स छात्रों की मानसिक, शारीरिक और बौद्धिक समस्याओं के समाधान की दिशा में हमारा प्रयास है।