नृसिंह चतुर्दशी की कथा

By ISKCON Bhagavata Mahavidyalaya

Certificate Course

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Course Duration

90 Minutes

Videos

90 Minutes

No. Of Sessions

1

Sessions per week

1

Language
Hindi

Eligibility

Anyone

Schedule of Classes

calendar

Starts on
-

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1

1

About the Teacher

teacher

ISKCON Bhagavata Mahavidyalaya

ISKCON Bhagavat Mahavidyalaya aims to provide a facility for its members to study, practice, and disseminate the teachings of Srimad Bhagavatam, along with the writings of the Gaudiya Vaisnava acaryas and the branches of Vedic philosophy, culture, music and science in the context of Srila Prabhupada’s teachings. ISKCON Bhagavata Mahavidyalaya is located in Sri Govardhan dhama to systematically propagate the teachings of Śrīmad-Bhāgavatam and Caitanya-caritāmṛta to the society at large.

To accomplish the above mission, ISKCON Bhagavata Mahavidyalaya will facilitate philosophical training for adult residential and non-residential students through the traditional Vedic educational methods. ISKCON Bhagavat Mahavidyalaya has been inspired by the service and efforts of His Grace Gopiparanadhana Prabhu and His Holiness Gaur Krishna Gosvami Maharaja. Their dedication toward the study and the dissemination of the teachings of Srimad Bhagavatam is the torchlight guiding us forward to serve this mission.

Course Overview

पाठ्यक्रम शीर्षक:

नृसिंह चतुर्दशी की कथा- Offered by ISKCON Bhagavata Mahavidyalaya (1 Day Event)

पाठ्यक्रम विवरण:

यह एक-दिवसीय पाठ्यक्रम भगवान विष्णु के नारासिंह अवतार की गहन अध्ययन के लिए समर्पित है। इस पाठ्यक्रम में हम नारासिंह पुराण की कथाओं का विस्तार से अध्ययन करेंगे, जिसमें उनके अवतार के कारण, भक्त प्रह्लाद के साथ उनके संबंध और दैवीय संदेशों की व्याख्या शामिल है।

लक्षित दर्शक:

यह पाठ्यक्रम उन सभी व्यक्तियों के लिए उपयुक्त है जो भारतीय पौराणिक कथाओं और आध्यात्मिकता में रुचि रखते हैं, विशेषकर जो विष्णु के विभिन्न अवतारों के गूढ़ अर्थ को समझने के इच्छुक हैं।

इस पाठ्यक्रम के लिए महत्वपूर्ण दिशानिर्देश:

  • पूर्व-पंजीकरण अनिवार्य: सभी प्रतिभागियों को कार्यक्रम शुरू होने से पहले पंजीकरण करना होगा।
  • सक्रिय भागीदारी: प्रतिभागियों से अपेक्षा की जाती है कि वे सक्रिय रूप से विचार-विमर्श और गतिविधियों में भाग लें।
  • आवश्यक सामग्री की समीक्षा: कार्यक्रम के लिए आवश्यक सामग्री प्रदान की जाएगी, जिसका अध्ययन प्रतिभागियों को पहले से करना होगा।
  • विनम्रता और सम्मान: पाठ्यक्रम के दौरान सभी प्रतिभागियों को विनम्रता और आदर का व्यवहार करना चाहिए।

इस पाठ्यक्रम से प्रतिभागियों को क्या लाभ होगा?

  • गहराई से समझ: नारासिंह अवतार की कथा और इसके आध्यात्मिक अर्थों की गहराई से समझ।
  • धार्मिक और आध्यात्मिक विकास: व्यक्तिगत धार्मिक और आध्यात्मिक विकास को बढ़ावा देना।
  • जीवन के लिए प्रेरणा: पौराणिक कथाओं में छिपी जीवन शिक्षाओं को समझने और उन्हें अपने जीवन में लागू करने की प्रेरणा। समुदाय से जुड़ाव

इस पाठ्यक्रम के लिए महत्वपूर्ण दिशानिर्देश:

  • पूर्व-पंजीकरण अनिवार्य: सभी प्रतिभागियों को कार्यक्रम शुरू होने से पहले पंजीकरण करना होगा।
  • सक्रिय भागीदारी: प्रतिभागियों से अपेक्षा की जाती है कि वे सक्रिय रूप से विचार-विमर्श और गतिविधियों में भाग लें।
  • आवश्यक सामग्री की समीक्षा: कार्यक्रम के लिए आवश्यक सामग्री प्रदान की जाएगी, जिसका अध्ययन प्रतिभागियों को पहले से करना होगा।
  • विनम्रता और सम्मान: पाठ्यक्रम के दौरान सभी प्रतिभागियों को विनम्रता और आदर का व्यवहार करना चाहिए।

इस पाठ्यक्रम से प्रतिभागियों को क्या लाभ होगा?

  • नारासिंह अवतार की कथा और इसके आध्यात्मिक अर्थों की गहराई से समझ।
  • व्यक्तिगत धार्मिक और आध्यात्मिक विकास को बढ़ावा देना।
  • पौराणिक कथाओं में छिपी जीवन शिक्षाओं को समझने और उन्हें अपने जीवन में लागू करने की प्रेरणा।

किसी को यह कोर्स क्यों करना चाहिए?

  • आध्यात्मिक जिज्ञासा
  • धार्मिक अध्ययन
  • व्यक्तिगत विकास

इस पाठ्यक्रम के माध्यम से हम प्रतिभागियों की किन समस्याओं का समाधान कर रहे हैं?

  •  आध्यात्मिक जीवन के मार्ग पर अनिश्चितता या दिशाहीनता का अनुभव करने वाले लोगों के लिए दिशा और स्पष्टता प्रदान करना।
  • ज्ञान की कमी: पौराणिक कथाओं और धार्मिक शिक्षाओं के सही अर्थों की गहराई से समझ की कमी को पूरा करना।

Frequently Asked Questions

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