Course Duration
76 Hours
76 Hours
Videos
2 Hours/ Session
2 Hours/ Session
No. Of Sessions
38
38
Sessions per week
2
2
Language
Hindi
Eligibility
Anyone
Anyone
Schedule of Classes
Starts on
-
3:30 PM - 4:30 PM IST
Mon, Tue
About the Teacher
Dr. Mukund Lila Das
About the Teacher
डॉ. मुकुंद लिला प्रभुजी ने फरवरी 2002 में कृष्णा चेतना से परिचय प्राप्त किया और दिसंबर 2007 में हरिनाम दीक्षा ली। वे एक कंप्यूटर विज्ञान स्नातक (बी. टेक (ऑनर्स)) हैं, जो IIT KGP से 2005 में पास हुए। उन्होंने यूनिवर्सिटी ऑफ मेलबर्न (रसायन विज्ञान विभाग) से "सामग्री के स्व-संयोजन (behavioral patterns of self assembly) के मॉडलिंग" और IIT खड़गपुर (कंप्यूटर विज्ञान विभाग) से "मानसिक स्थिति और गुणों का मॉडलिंग ताकि आत्म-विनाशक प्रवृत्तियों को रोका जा सके" विषय पर संयुक्त पीएचडी की है।
ISKCON में सेवाएँ:
युवाओं का प्रचार: कॉलेज के छात्रों को श्रील प्रभुपाद और पिछले आचार्यों के हाथों में समर्पित साधन बनने के लिए सशक्त और प्रशिक्षित करना। उन्होंने MIT बoston (2022-वर्तमान), IIT खड़गपुर (2010-वर्तमान), जादवपुर विश्वविद्यालय, कोलकाता (2012-वर्तमान), IIM और BMC बंगलौर (2008), SIT पुणे (2005-2007), COEP पुणे (2006-2007), कोटा प्री-जेईई छात्रों (2006-2007) आदि में प्रचार कार्य किया। उन्होंने "प्रेरणा" नामक कोलकाता के मेगा युवा सशक्तिकरण महोत्सव का आयोजन भी किया।
वैज्ञानिक अनुसंधान: 2015 से उन्होंने भगवद गीता और श्रीमद्भागवतम की महिमा को बढ़ावा देने के लिए वैज्ञानिक अनुसंधान शुरू किया। उन्होंने भगवद गीता के श्लोकों को गहरी शिक्षा और बड़े डेटा विश्लेषण के माध्यम से लोगों के सोशल मीडिया प्रोफाइल से जोड़कर सिद्ध किया। साथ ही, श्रीमद्भागवतम के सिद्धांतों को सामग्री प्रकृति और आयुर्वेद के सिद्धांतों से जोड़ते हुए क्वांटम भौतिकी और क्वांटम रसायनशास्त्र के माध्यम से हल्का-मामला अंतःक्रिया, नैनो और क्वांटम अवस्थाओं पर शोध किया। अब वे एक पूर्ण शोध संस्थान की स्थापना की तैयारी कर रहे हैं।
श्रील प्रभुपाद जन्मस्थल की देखरेख: 2013-2020 तक वे श्रील प्रभुपाद के जन्म स्थान के देखरेखकर्ता रहे। वर्तमान में वे ISKCON न्यू टाउन आउटपोस्ट केंद्र, न्यू अलीपुर, कोलकाता का प्रबंधन कर रहे हैं।
भक्ति शास्त्री कक्षाएँ: पिछले 7 वर्षों से वे भक्ति शास्त्री कक्षाएँ दे रहे हैं और श्री हंस बलि महाराज के साथ जनजातीय क्षेत्रों में प्रचार कार्य में सहायता कर रहे हैं।
Course Overview
कोर्स का शीर्षक
हमारे जीवन की 3 महत्वपूर्ण शिक्षाएँ
कोर्स विवरण:
इस कोर्स में हम तीन मुख्य शिक्षाओं पर चर्चा करेंगे: रानी कुंती की शिक्षाएँ, भगवान कपिल की शिक्षाएँ, और भगवान चैतन्य की शिक्षाएँ। ये शिक्षाएँ श्रील प्रभुपाद की पुस्तकों पर आधारित हैं।
कोर्स सामग्री:
- श्रील प्रभुपाद द्वारा लिखित 'रानी कुंती की शिक्षाएँ' पुस्तक
- श्रील प्रभुपाद द्वारा लिखित 'भगवान कपिल की शिक्षाएँ' पुस्तक
- श्रील प्रभुपाद द्वारा लिखित 'भगवान चैतन्य की शिक्षाएँ' पुस्तक
लक्षित दर्शक:
- हर आयु वर्ग के लोग जो आध्यात्मिक ज्ञान में रुचि रखते हैं।
- वे लोग जो जीवन की गूढ़ समस्याओं का समाधान खोज रहे हैं।
- विद्यार्थी और शिक्षार्थी जो वैदिक ज्ञान को गहराई से समझना चाहते हैं।
कोर्स की आवश्यकताएँ:
- नियमित रूप से क्लास में उपस्थित होना।
- दिए गए पाठ्यक्रम और सामग्रियों को पढ़ना और समझना।
- प्रश्न पूछने और चर्चा में भाग लेने के लिए तत्पर रहना।
छात्रों के लिए महत्वपूर्ण दिशानिर्देश:
- समय पर कक्षाओं में उपस्थित रहें।
- शिक्षकों के निर्देशों का पालन करें।
- सभी सहपाठियों के साथ आदरपूर्वक व्यवहार करें।
- नोट्स लें और नियमित रूप से पुनरावृत्ति करें।
छात्र इस कोर्स से क्या प्राप्त करेंगे?
- रानी कुंती, भगवान कपिल, और भगवान चैतन्य की शिक्षाओं की गहरी समझ।
- जीवन के विभिन्न पहलुओं में आध्यात्मिकता का समावेश।
- वैदिक साहित्य और उसके सिद्धांतों की व्यापक जानकारी।
- जीवन की समस्याओं को हल करने के लिए व्यावहारिक ज्ञान और उपकरण।
इस कोर्स में भाग क्यों लेना चाहिए?
- आध्यात्मिक ज्ञान को गहराई से समझने और आत्मसात करने का अवसर।
- वैदिक शिक्षाओं के माध्यम से जीवन की समस्याओं का समाधान।
- आध्यात्मिक उन्नति और व्यक्तिगत विकास के लिए दिशा-निर्देश।
हम पाठ्यक्रम के माध्यम से छात्रों की किन समस्याओं का समाधान कर रहे हैं?
- जीवन की अनिश्चितताओं और समस्याओं का समाधान।
- मानसिक शांति और संतुलन प्राप्त करने के लिए मार्गदर्शन।
- आध्यात्मिक मार्गदर्शन और व्यक्तिगत विकास के लिए उचित शिक्षाएँ।
- वैदिक ज्ञान के माध्यम से जीवन को सही दिशा में अग्रसर करना।