चाणक्य नीति

By Dhir Prashant Das

Certificate Course

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Course Duration
12 घंटे

Videos
2 घंटे प्रति सत्र

No. Of Sessions
12 सत्र

Sessions per week
3 सत्र प्रति सप्ताह

Language
Hindi

Eligibility
इस कोर्स में सभी भक्त जुड़ सकते हैं

Schedule of Classes

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Starts on
-

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शाम 6 बजे से 8 बजे तक Regular classes on  शुक्रवार, शनिवार और रविवार

About the Teacher

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Dhir Prashant Das

Dhīra Praśānta dāsa is a disciple of His Holiness Rādhānātha Swami Maharaja. He joined ISKCON in 1999. Currently he serves as a full time monk in ISKCON Pune, India.

He is a regular teacher of Bhakti Śāstras at Pune center for Bhakti Śāstrī and Bhakti Vaibhava courses. He teaches Bhagavad Gītā, Īśopaniṣad as well as other books from Gaudīya tradition to students and corporate youth. He is well known for his deep and cogent philosophical explanations of the scriptures.

Course Overview

कोर्स विवरण:

यह कोर्स चाणक्य नीति की प्राचीन बुद्धिमत्ता को वैष्णव दर्शन, विशेष रूप से इस्कॉन के सिद्धांतों, के साथ जोड़कर प्रस्तुत करता है। चाणक्य की नीति में निहित जीवन के महत्वपूर्ण सिद्धांतों को भगवान श्री कृष्ण की उपदेशों और भक्ति योग के दृष्टिकोण से समझने का प्रयास किया जाएगा। इस कोर्स में हम चाणक्य के नीति-निर्माण, नेतृत्व, और व्यक्तिगत आचार-व्यवहार के सिद्धांतों को वैष्णव दर्शन की बुनियादी शिक्षाओं के संदर्भ में देखेंगे।

कोर्स सामग्री:

  • चाणक्य का परिचय और वैष्णव दर्शन का संदर्भ
  • धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष: जीवन के चार स्तंभ (वैष्णव दृष्टिकोण)
  • नेतृत्व और शासकीय जिम्मेदारी
  • नैतिक सिद्धांत और व्यक्तिगत विकास (वैष्णव दृष्टिकोण)
  • चाणक्य की आर्थिक और राजनीतिक बुद्धिमत्ता
  • चाणक्य के सूत्र और भक्ति मार्ग
  • वैष्णव दर्शन में चाणक्य के उपदेशों का आधुनिक संदर्भ

इस कोर्स से छात्र क्या हासिल करेंगे?

  • चाणक्य नीति और वैष्णव दर्शन के प्रमुख शेरों और सिद्धांतों की गहरी समझ।
  • व्यक्तिगत और सामूहिक जीवन में भक्ति मार्ग और रणनीतिक सोच को जोड़ने की क्षमता।
  • बेहतर नेता, रणनीतिकार और ईमानदार व्यक्ति बनने के लिए कौशल, जो श्री कृष्ण की भक्ति और चाणक्य के उपदेशों से प्रेरित हो।
  • शासन, राजनीति, व्यक्तिगत नैतिकता और भक्ति के बारे में बढ़ी हुई समझ।

कोर्स में क्यों शामिल होना चाहिए?

यह कोर्स चाणक्य के सिद्धांतों और भगवान श्री कृष्ण के उपदेशों को जोड़ते हुए एक अद्वितीय दृष्टिकोण प्रदान करता है, जो व्यक्तिगत और सामाजिक सफलता के लिए मार्गदर्शन करता है। चाणक्य की नीति और इस्कॉन के भक्ति सिद्धांतों का संगम आज के समाज में नेतृत्व, नैतिकता, और संघर्ष समाधान के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। चाणक्य के उपदेश और भक्ति मार्ग के सिद्धांत हमें जीवन में संतुलन, शांति और सफलता प्राप्त करने का एक मार्ग दिखाते हैं।

छात्रों के लिए महत्वपूर्ण निर्देश:

  • चर्चाओं और समूह गतिविधियों में सक्रिय भागीदारी की सलाह दी जाती है।
  • चाणक्य नीति और वैष्णव दर्शन के शेरों का गहन अध्ययन आवश्यक होगा।
  • चाणक्य के उपदेशों और भगवान श्री कृष्ण के भक्ति मार्ग को व्यक्तिगत और पेशेवर जीवन में लागू करना प्रेरित किया जाएगा।
  • विभिन्न दृष्टिकोणों और व्याख्याओं का सम्मान करें और विविध विचारों से सीखें।


Frequently Asked Questions

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