Course Duration
6 महीने
Videos
2 घंटे/ सत्र
No. Of Sessions
53 सत्र
Sessions per week
3 सत्र/सप्ताह
Language
Hindi
Eligibility
इस कोर्स में सभी भक्त जुड़ सकते हैं
Schedule of Classes
Starts on
-
About the Teacher
VISNU SUROTTAMA DAS
About the Teacher
The academic qualification of the instructor is M.COM, FCMA. worked in PSU as Regional Director/ chief general manager ( Finance). Preached Krishna consciousness in Gulf countries like Saudi Arabia in very difficult and tiring conditions. Already completed Bhakti Shastri and Bhakti Vaibhav and now pursuing Bhakti Vedanta
Course Overview
कोर्स विवरण:
श्रील प्रभुपाद लीलामृत एक आधिकारिक आध्यात्मिक ग्रंथ है, जो श्रील प्रभुपाद की महान और उच्च आध्यात्मिक व्यक्तित्व का सजीव चित्रण करता है। श्रील प्रभुपाद ने लाखों लोगों के हृदय को छुआ और आज भी उनके ग्रंथों के माध्यम से दुनिया भर में लाखों लोग भक्ति योग के मार्ग पर अग्रसर हो रहे हैं। श्रील प्रभुपाद ने दुनिया में आध्यात्मिक क्रांति की नींव रखी और उन्हें भारत के बाहर भक्ति योग का प्रचार करने वाले सबसे सम्मानित आचार्य के रूप में जाना जाता है।
कोर्स सामग्री:
- श्रील प्रभुपाद के जीवन संघर्षों का गहन अध्ययन।
- प्रभुपाद के भक्ति योग दर्शन का विवरण और उनके शिष्यों से उनका गहरा संबंध।
- कैसे श्रील प्रभुपाद ने अपने शिष्यों से भगवान श्री कृष्ण की सेवा में सर्वोत्तम कार्य लिया और उन्हें उत्कर्ष की दिशा में मार्गदर्शन किया।
मूल्यांकन योजना:
कोर्स में चार वस्तुनिष्ठ (Objective) परीक्षा होगी, जिनका उद्देश्य छात्रों की समझ और ज्ञान का मूल्यांकन करना है।
इस कोर्स से छात्र क्या हासिल करेंगे?
- छात्र श्रील प्रभुपाद के भाव, उनके मिशन और उनके जीवन के उद्देश्यों को स्पष्ट रूप से समझेंगे।
- वे भक्ति योग को अपने जीवन में आत्मसात करने के लिए प्रेरित होंगे।
- वे 20वीं सदी के सबसे उच्च आध्यात्मिक गुरुओं में से एक के जीवन और शिक्षाओं से परिचित होंगे, जिन्होंने संसार को बेहतर बनाने के लिए अपना सम्पूर्ण जीवन समर्पित किया।
कोर्स में क्यों शामिल होना चाहिए?
यह कोर्स प्रतिभागियों के हृदय में श्रील प्रभुपाद द्वारा प्रचारित भक्ति को जागृत करने का प्रयास करेगा। जो लोग पहले से ही भक्ति योग का अभ्यास कर रहे हैं, वे अपनी श्रद्धा और विश्वास को और अधिक सुदृढ़ कर सकेंगे। श्रील प्रभुपाद एक शुद्ध भक्त थे और केवल उनका महिमामंडन करने से राधा-कृष्ण प्रसन्न होते हैं और अपने भक्तों पर अपनी कृपा बरसाते हैं।
छात्रों के लिए महत्वपूर्ण निर्देश:
- छात्रों से अपेक्षा की जाती है कि वे श्रील प्रभुपाद की जीवनी "लीलामृत", जो श्रीमद् सत्त्वरूप दास गोस्वामी द्वारा लिखित है, का पूर्व-पढ़ाई के रूप में अध्ययन करें।
- छात्रों को नियमित रूप से कोर्स में भाग लेने की सलाह दी जाती है, ताकि अध्ययन की निरंतरता बनी रहे और वे पूरे कोर्स का लाभ उठा सकें।