श्रीमद्भागवतम् का डिप्लोमा पाठ्यक्रम

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By ISKCON BHAGAVATA MAHAVIDYALAYA

Certificate Course

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Course Duration

6 Months 

Videos

2 Hours / Session 

No. Of Sessions

86

Sessions per week

5

Language
Hindi

Eligibility

Anyone 

Schedule of Classes

calendar

Starts on
-

calendar

7:30 PM -  9:30 PM

Regular classes on

Monday - Friday 

About the Teacher

teacher

ISKCON BHAGAVATA MAHAVIDYALAYA

ISKCON Bhagavat Mahavidyalaya aims to provide a facility for its members to study, practice, and disseminate the teachings of Srimad Bhagavatam, along with the writings of the Gaudiya Vaisnava acaryas and the branches of Vedic philosophy, culture, music and science in the context of Srila Prabhupada’s teachings.

ISKCON Bhagavat Mahavidyalaya has been inspired by the service and efforts of His Grace Gopiparanadhana Prabhu and His Holiness Gaur Krishna Gosvami Maharaja. Their dedication toward the study and the dissemination of the teachings of Srimad Bhagavatam is the torchlight guiding us forward to serve this mission.

Course Overview

पाठ्यक्रम विवरण:

यह डिप्लोमा पाठ्यक्रम श्रीमद्भागवतम्  का गहन अध्ययन प्रस्तुत करता है, जो कि इस प्रमुख सनातन धर्म को समझने में सहायक है, जिसे श्रील व्यासदेव ने लिखा। यह वेदांत सूत्र पर एक संपूर्ण टिप्पणी है, जो छात्रों को एक आध्यात्मिक यात्रा पर ले जाती है, जिसमें सब चीजों का अंतिम स्रोत, हमारे दिव्य संबंध और एक पूर्ण मानव समाज के प्रति हमारी जिम्मेदारियों का वर्णन किया गया है। यह पाठ्यक्रम केवल सैद्धांतिक ज्ञान प्रदान करने के लिए नहीं है, बल्कि छात्रों को आध्यात्मिक परिवर्तन अनुभव करने और संदेहवाद के सामने दार्शनिक सत्य की रक्षा करने के लिए सक्षम बनाता है।


हमारे शिक्षक:- 

एच.जी. ब्रजसुंदर प्रभुजी

एच.जी. दैव सिंह प्रभुजी

एच.जी. नीलम्बर प्रभुजी

एच.जी. रामानुज प्रभुजी

एच.जी. श्याम गोपाल प्रभुजी

एच.जी. पवनेश्वर प्रभुजी

एच.जी. कमल लोचन प्रभुजी

एच.जी. ध्रुव नारायण प्रभुजी 

पाठ्यक्रम सामग्री:

श्रीमद्भागवतम्  का संपूर्ण अवलोकन

स्कंद 1: सृष्टि

श्रीमद्भगतम्  का परिचय

सृष्टि की प्रक्रिया और इसमें शामिल पात्र

स्कंद 2: ब्रह्माण्ड का प्रकाशन

विस्तृत ब्रह्माण्ड विज्ञान

ब्रह्माण्ड की प्रकृति और इसकी उत्पत्ति

स्कंद 3 से 5: वर्तमान स्थिति और प्रियवरत तथा मन्वंतर

महान ऋषियों और शासकों की वंशावलियाँ और इतिहास

ब्रह्माण्ड की संरचना और पृथ्वी की राजवंशियाँ

स्कंद 6 से 9: मानवता के लिए निर्धारित कर्तव्य

धार्मिक व्यवहारों और पवित्रता के उदाहरण दर्शाने वाली कहानियाँ

कर्तव्य, पाप, और मोक्ष पर दार्शनिक चर्चाएँ

स्कंद 10: सर्वोच्च भलाई

भगवान कृष्ण का जीवन और शिक्षाएँ

भक्ति के अभ्यासों पर गहन अंतर्दृष्टियाँ

स्कंद 11 और 12: आध्यात्मिक ज्ञान की पूर्णता

दार्शनिक सारांश और आध्यात्मिक जीवन का सार

कलियुग की भविष्यवाणियाँ और लक्षण

भाषा:

हिंदी , जिसमें मूल संस्कृत पाठ के लिए विस्तृत संदर्भ, शब्दार्थ, अनुवाद और टिप्पणियाँ शामिल हैं, ताकि व्यापक समझ प्राप्त हो सके।

लक्षित दर्शक:

यह पाठ्यक्रम उन सभी के लिए डिज़ाइन किया गया है जो गौड़िया वैष्णववाद, आध्यात्मिकता, सनातन धर्म  का अध्ययन करना चाहते हैं, और जो दिव्य ज्ञान के माध्यम से व्यक्तिगत परिवर्तन की खोज में हैं।

मूल्यांकन योजना:

स्कंद के अनुसार एमसीक्यू : प्रत्येक स्कंद के बाद ऑनलाइन परीक्षण, समझ और अवधारणाओं का मूल्यांकन करने के लिए।

प्रतिबिंबित निबंध: दार्शनिक शिक्षाओं और व्यक्तिगत प्रभावों पर लिखित कार्य।

पाठ्यक्रम की आवश्यकताएँ:

 सभी के लिए खुला। इस पाठ्यक्रम को करने के लिए किसी पूर्व ज्ञान की आवश्यकता नहीं है, जो इसे आध्यात्मिक और दार्शनिक अध्ययन में रुचि रखने वाले किसी भी व्यक्ति के लिए सुलभ बनाता है।

छात्रों के लिए महत्वपूर्ण दिशानिर्देश:

अध्ययन को सम्मान और खुले मन से करें।

सामग्री के साथ सक्रिय रूप से जुड़ें और चर्चाओं में भाग लें।

गहन समझ के लिए स्कंदों के क्रम का पालन करें।

छात्रों को इस पाठ्यक्रम से क्या मिलेगा?

छात्र महत्वपूर्ण आध्यात्मिक अवधारणाओं और समाज के प्रति मानवों के कर्तव्यों की गहन समझ प्राप्त करेंगे। वे अपने विश्वासों को व्यक्त करने और उनकी रक्षा करने के लिए सक्षम होंगे और संभवतः दूसरों को आध्यात्मिक जागरूकता की ओर मार्गदर्शन कर सकेंगे।

इस पाठ्यक्रम में भाग क्यों लेना चाहिए?

यह पाठ्यक्रम न केवल सनातनधर्म के सबसे महान महाकाव्यों में से एक का गहन अध्ययन प्रदान करता है, बल्कि यह एक परिवर्तनकारी अनुभव भी है जो शैक्षणिक अध्ययन को आध्यात्मिक जागरूकता के साथ जोड़ता है। यह जीवन के गहरे अर्थों को समझने और दिव्य से जुड़ने का एक मार्ग है।

इस पाठ्यक्रम के माध्यम से हल की गई समस्याएँ:

आध्यात्मिक भ्रांतियाँ: श्रीमद्भागवतम् में पाई जाने वाली जटिल दार्शनिक कथाएँ और theological अवधारणाओं को स्पष्ट करता है।

असत्यवाद के खिलाफ रक्षा: छात्रों को ज्ञान से लैस करता है ताकि वे अपने विश्वासों की रक्षा कर सकें।

व्यक्तिगत और आध्यात्मिक विकास: व्यक्तियों को आत्म-प्रकटीकरण और ब्रह्माण्ड में अपनी भूमिका को समझने की दिशा में मार्गदर्शन करता है।

Frequently Asked Questions