महाभारत के 10 श्राप

By ISKCON BHAGAVATA MAHAVIDYALAYA

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Course Duration

12 hours

Videos

1 Hour/ session

No. Of Sessions

12 

Sessions per week

3

Language
Hindi

Eligibility

Anyone

Schedule of Classes

calendar

Starts on
-

calendar

8 PM - 9 PM

Regular classes on

Friday - Saturday

About the Teacher

teacher

ISKCON BHAGAVATA MAHAVIDYALAYA

ISKCON Bhagavat Mahavidyalaya aims to provide a facility for its members to study, practice, and disseminate the teachings of Srimad Bhagavatam, along with the writings of the Gaudiya Vaisnava acaryas and the branches of Vedic philosophy, culture, music and science in the context of Srila Prabhupada’s teachings.

ISKCON Bhagavat Mahavidyalaya has been inspired by the service and efforts of His Grace Gopiparanadhana Prabhu and His Holiness Gaur Krishna Gosvami Maharaja. Their dedication toward the study and the dissemination of the teachings of Srimad Bhagavatam is the torchlight guiding us forward to serve this mission.

Course Overview

पाठ्यक्रम विवरण

यह पाठ्यक्रम महाभारत में वर्णित 10 प्रमुख श्रापों का गहन अध्ययन और विश्लेषण करेगा। महाभारत के महत्वपूर्ण प्रसंगों में श्रापों की भूमिका और उनके परिणामों का विश्लेषण करते हुए यह पाठ्यक्रम इन श्रापों के नैतिक, धार्मिक, और सामाजिक संदर्भों को समझने का प्रयास करेगा। पाठ्यक्रम में श्रापों के कारण, उनके पात्रों पर प्रभाव और कथा की दिशा पर चर्चा की जाएगी।

अध्ययन सामग्री

इस पाठ्यक्रम के लिए निम्नलिखित अध्ययन सामग्री का उपयोग किया जाएगा:

  • महाभारत के श्राप संबंधित अध्यायों के श्लोक और उनके अनुवाद
  • विभिन्न टीकाकारों द्वारा महाभारत के श्रापों पर की गई व्याख्याएँ
  • धार्मिक ग्रंथों में श्रापों का सांस्कृतिक महत्व
  • प्रमुख श्रापों पर विद्वानों के दृष्टिकोण

लक्षित पाठकवर्ग

यह पाठ्यक्रम महाभारत के गूढ़ रहस्यों और नैतिक शिक्षाओं को समझने में रुचि रखने वाले छात्रों, शोधकर्ताओं, और धार्मिक एवं पौराणिक कथा प्रेमियों के लिए है। यह उन लोगों के लिए भी है जो भारतीय महाकाव्य में श्रापों की भूमिका और उनके प्रभाव को समझना चाहते हैं।
मूल्यांकन योजना

मूल्यांकन की योजना इस प्रकार होगी:

  • साप्ताहिक टेस्ट और प्रश्नोत्तर सत्र
  • महाभारत के विभिन्न श्रापों पर निबंध लेखन
  • अंत में एक परियोजना जिसमें छात्रों को श्रापों पर आधारित एक विश्लेषणात्मक रिपोर्ट प्रस्तुत करनी होगी

पाठ्यक्रम की आवश्यकताएँ

  • छात्रों को महाभारत का सामान्य ज्ञान होना चाहिए।
  • प्रत्येक सत्र में दिए गए पाठ को ध्यानपूर्वक पढ़ना आवश्यक होगा।
  • श्रापों पर केंद्रित अध्यायों का स्वाध्याय और चर्चा में सक्रिय भागीदारी की अपेक्षा है।

छात्रों के लिए महत्वपूर्ण दिशानिर्देश

  • कक्षाओं में नियमित उपस्थिति और सक्रिय भागीदारी अनिवार्य है।
  • श्रापों से संबंधित चर्चा में छात्रों को अपने विचारों और निष्कर्षों को प्रस्तुत करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।
  • पाठ्यक्रम के दौरान समय पर असाइनमेंट और परियोजनाएँ पूरी करना होगा।

छात्र इस पाठ्यक्रम से क्या लाभ प्राप्त करेंगे?

इस पाठ्यक्रम के अंतर्गत, छात्र महाभारत के श्रापों की गहरी समझ प्राप्त करेंगे, और वे इस बात का विश्लेषण कर पाएंगे कि इन श्रापों ने कथा की दिशा को कैसे प्रभावित किया। इसके अलावा, वे श्रापों के धार्मिक और नैतिक पहलुओं को भी समझ पाएंगे।

यह पाठ्यक्रम क्यों करना चाहिए?

महाभारत के 10 प्रमुख श्रापों को समझना भारतीय पौराणिक कथाओं की जटिलताओं को जानने का एक अनूठा तरीका है। यह पाठ्यक्रम जीवन में नैतिकता, दंड, कर्मफल, और उनके प्रभावों को समझने का अवसर प्रदान करेगा, जो आज भी प्रासंगिक हैं।

हम इस पाठ्यक्रम के माध्यम से छात्रों की कौन-सी समस्याओं का समाधान कर रहे हैं?

इस पाठ्यक्रम के माध्यम से हम छात्रों की महाभारत में वर्णित श्रापों और उनके परिणामों को लेकर उत्पन्न शंकाओं का समाधान करेंगे। इसके साथ ही, यह पाठ्यक्रम यह समझने में सहायता करेगा कि श्रापों का नैतिक और सामाजिक जीवन पर क्या प्रभाव पड़ता है, और कैसे इन श्रापों ने महाभारत की कथा को आकार दिया।

Frequently Asked Questions