Course Duration
16 घंटे
Videos
02 घंटे / प्रति सत्र
No. Of Sessions
8
8
Sessions per week
2
2
Language
Hindi
Eligibility
कोई भी
Schedule of Classes
Starts on
-
About the Teacher
Satprem Das
About the Teacher
श्रीमान सत्प्रेम प्रभु जी इस्कॉन भागवत महाविद्यालय, गोवेर्धन में आध्यत्मिक शिक्षक है।
आधात्मिक योग्यता-
1-भक्ति शास्त्री
2-भक्ति वैभव
3-भक्ति वेदांत (अध्यनरत)
शैक्षणिक योगयता-
1-कला स्नातक (भोपाल, म.प.)
2-होटल मैनेजमेंट में स्नातक (दिल्ली)
3-अनुभव-अनेक वर्षों तक मुम्बई के 5 स्टार होटलों में अनेक वर्षों तक सेवाएं दी है ।
उनके निजी जीवन में आश्चर्यजनक घटनाओं की श्रृंखलाओ के बाद आध्यात्मिकता के प्रति उनका झुकाव हो गया था वे कृष्णभावना में आने का सारा श्रेय कृष्ण को तथाकथित नकारात्मक स्थितियों की श्रृंखला बनाने के लिए और जिन भक्तो ने उनका सहयोग किया उनको देते है, विशेष रूप से उनकी कृष्ण भक्त माता जी को।
विशेष आकर्षण-
कृष्णभावनामृत में आने के बाद उन्होंने दृढ़ संकल्प के साथ सफल योद्धा की तरह संघर्ष किया, क्योंकि उन्हें पार्किंसंस की लाइलाज बीमारी ने घेर लिया था। लेकिन जैसे ही उन्होंने श्रीमद्भागवत का अध्ययन करना शुरू किया उनका स्वास्थ्य ठीक हो गया और अब उनका जीवन श्रीमद्भागवत के अध्ययन की करुणा का जीता-जागता उदाहरण है।
Course Overview
पाठ्यक्रम का विवरण
प्रभुपाद जी के तात्पर्य को बलदेव विद्याभूषण और श्रील विश्वनाथ चक्रवर्ती पाद की टीका के सहयोग से गहराई से समझना ।
पाठ्यक्रम सामग्री
1-समर्पण-क्यों प्रभुपाद जी ने भगवद्गीता यथारुप बलदेव विद्याभूषण को ही समर्पित की ?
2-आमुख से -प्रभुपाद जी ने आमुख क्यों लिखा व उनका मूड और मिशन क्या है ?
3-भूमिका से -
श्रीमद् भगवद्गीता को गीतोपनिषद क्यों कहा जाता है ?
भगवदगीता का मर्म क्या है ?
भगवान ने भगवद्गीता क्यों बोली ?
भगवद्गीता की 05 विषय वस्तु की विस्तृत चर्चा ।
भगवद्गीता को कैसे समझे ?
भगवद्गीता को समझने के परिणाम
भगवद्गीता के दिव्य ज्ञान को जीवन में कैसे उतारे ?
लक्षित दर्शक
सभी जो भगवद गीता को गहराई से समझना चाहते हैं।
मूल्यांकन योजना
कुछ नही
पाठ्यक्रम की आवश्यकताएँ
केवल ध्यान से सुनें व चर्चा में भाग ले ।
छात्रों के लिए महत्वपूर्ण दिशानिर्देश
हर अध्याय को ध्यानपूर्वक सुनें और समझें।
अपनी जिज्ञासाओं को प्रश्नों के रूप में व्यक्त करें।
व्याख्यान के दौरान नोट्स बनाना।
पाठ्यक्रम की सामग्री को अपने जीवन में लागू करने का प्रयास करें।
छात्र इस पाठ्यक्रम से क्या प्राप्त करेंगे?
जीवन की सभी समस्याओं का समाधान ।
यह पाठ्यक्रम क्यों करें?
आत्मज्ञान, आत्मशांति व आध्यात्मिक आनंद अर्जित करने के लिए ।
हम इस पाठ्यक्रम के माध्यम से छात्रों की किन समस्याओं का समाधान कर रहे हैं?
मन वि इंद्रियों पर नियंत्रण
समता का भाव
मानसिक शांति
शारीरिक ऊर्जा
आध्यात्मिक उन्नति
सुखी व संतुलित जीवन
मन वि इंद्रियों पर नियंत्रण
समता का भाव
मानसिक शांति
शारीरिक ऊर्जा
आध्यात्मिक उन्नति
सुखी व संतुलित जीवन